Page 56 - पूर्वांचल - गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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वाेलंटीाइना डे



                                                                                           ं
                                                                 40 साले बंादे अप�ी पत्�ी को वंलेटीाइ� ड परा तेोहोफीा देे�ा एक बंहोुते
                                                                                         े
                                                                                                े
                                                                 होी खास औरा भाावं�ात्मक पले होो सकतेा होै । ऐसे अवंसरा परा निदेया
                                                                             �
                                                                 गुया उपहोारा निसफी भाौनितेक �हों, बंनिल्क एक गुहोराी भाावं�ा औरा समप�र्ण
                                                                                             े
                                                                 का प्रतेीक बं�तेा होै । इसका उद्देेश्य � कवंले उ�की खुशी बंढ़ा�ा होोतेा
                                                                 होै, बंनिल्क यहो भाी देशा�ा होोतेा होै निक 40 साले बंादे भाी आप उ�का
                                                                                  �
                                                                                          े
                                                                 सम्‍मा� औरा प्यारा उते�ा होी माय� राखतेा होै, निजते�ा पहोलेे  थाा ।
                                                                                       *****
                                              श्रीी रााम प्रसंादे र्पोाठकु
                                                       एमटीएसं

                                                         े
           वंलेटीाइ� ड होरा साले 14 फीरावंराी को म�ाया जातेा होै औरा यहो प्रम औरा   “
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           निमत्रीतेा क प्रतेीक क रूप मं देुनि�याभारा मं सनिलेब्राेटी निकया जातेा होै । यहो
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                              े
           निदे� निवंशेषा रूप से अप� निप्रयज�ं, देोस्तें औरा साथाी को प्यारा औरा
                                                                               े
                                                                                       े
           स्�हो व्यक्त करा� का अवंसरा होोतेा होै ।                       चंॉदे कु संार्थ तारा भाी ह, ं
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                                                                                                  े
                                                                          इन्ह एकु-देूसंरा कुी अहनिमयत हमशा राहती ह। ै
                                                                                    े
                                                                            ं
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           इस निदे� लेोगु एक-देूसरा को गुुलेाबं क फी ू ले, प्रम पत्री, उपहोारा, काड्�स
                                                                                ं
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                                                          े
           आनिदे देेते हों । वंलेटीाइ� ड का उत्सवं निवंशेषा रूप् से युवंा वंगु� क बंीच   जीवं� म अर्पो�ं कुी जरूरात ह, ै
           बंहोुते लेोकनिप्रय होै औरा यहो � कवंले राोमांनिटीक रिराश्तें, बंनिल्क देोस्तेी,   इ�कु निबं�ा य संफरा अधूराा संा लगता ह। ै
                                   े
                                                                             े
                                                                                    े
                                           े
           परिरावंारा औरा अन्य रिराश्तें मं भाी प्रम औरा स्�हो को व्यक्त करा� का एक
                                                        े
                                   े
                                                       े
           मौका होोतेा होै । यहो निदे� प्यारा औरा रिराश्तें की सरााहो�ा करा� क निलेए होै ।                 “
                                                     े
                                                                          “
                                                                          बंहुत गजबं कुा �जाराा ह, ै
                                                                          इसं अजबं संी देुनि�या कुा,
                                                                                                 े
                                                                                           े
                                                                                             ं
                                                                          लोग बंहुत कु ु छ बंटोरा� म लग ह, ै
                                                                                        े
                                                                                       े
                                                                          खाली हार्थ जा� कु निलए।
           मं श्रृी रााम प्रसादे पाठक, एमटीीएस, गुुवंाहोाटीी क्षेत्रीीय कायालेय �  े
                                                         �
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           अप�ी शादेी क 40 वंषां तेक साथा नि�भाा� क बंादे वंलेटीाइ�  क निदे�
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                                                          े
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                                                  े
           अप�ी पत्�ी श्रृीमतेी रांजीतेा पाठक को पुष्प देेकरा अप� प्यारा का                                “
                                                       े
           इजहोारा निकया।
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