Page 54 - पूर्वांचल - गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
P. 54
हडकाो कााया�लय मं मेरी यात्रीा : कााय� कारनाे काा अनाुभवा
ै
मुझे आवंास औरा शहोराी निवंकास से संबंंनिधते सराकाराी योज�ाओंं जसे
‘प्रधा�मंत्रीी आवंास योज�ा (PMAY), 'स्माटी निसटीी निमश�' औरा
�
े
फी ं निडंगु प्रनि�या औरा होडको की भाूनिमका को समझ� का अवंसरा निमलेा ।
कुायालय कुा माहौलः मेरा सहोकमी बंहोदे निमले�सारा औरा सहोयोगुी
थ
े
े
�
�
था । उन्हों� होरा निजज्ञासा का उत्तरा धैयपूवं�क निदेया औरा काय को बंहोतेरा
े
े
े
े
े
ढंंगु से समझ� मं मेराी मदेदे की । वंरिराष्ठा अनिधकाराी � कवंले मागु�देश��
े
�
कराते हों, बंनिल्क टीीमवंक औरा �वंाचारा को भाी प्रोत्सानिहोते कराते होुए
े
े
संुश्रीी चंंद्रकुला क्षत्रीी होरा काय को समयबंद्ध औरा गुुर्णवंत्ता क साथा पूराा निकया जातेा होै। वंहोा ँ
े
�
प्रबंंधकु (ए/एचं)
े
े
प्रत्यक काय को करा� की एक निवंनिधपूवं�क प्रनि�या थाी, निजसम मं� े
े
�
प्रस्तावं�ाः सराकाराी क्षत्री की प्रनितेनिष्ठाते संस्थाा होाउनिसंगु एण्ड अबं� सीखा निक अ�ुशास� औरा योज�ा क साथा निकया गुया काय अनिधक
े
�
े
�
े
े
डवंलेपमटी कॉपोराश� निलेनिमटीड (भााराते सराकारा का उप�म) होडको प्रभाावंशालेी होोतेा होै । मं� यहो भाी जा�ा निक होडको � कवंले फीाइ�निसंगु
े
ं
ं
े
े
�
े
�
क्षेत्रीीय कायालेय, गुुवंाहोाटीी मं कायग्रेहोर्ण करा�ा मेरा जीवं� का एक संस्थाा होै, बंनिल्क सामानिजक उत्तरादेानियत्वं की भाावं�ा से भाी काय करातेी
�
े
महोत्वंपूर्ण� मोड़े थाा । यहो � कवंले एक �ई �ौकराी की शुरूआते होै ।
े
थाी, बंनिल्क एक निजम्मेदेाराी की भाूनिमका नि�भाा� का अवंसरा भाी थाा ।
�
ँ
�
े
कायग्रेहोर्ण क बंादे होडको मं निबंतेाए गुए प्रारांनिभाक निदे�ं का काय होडको होडको मं काय करा�ा इसनिलेए भाी सुखदे राहोा क्यंनिक यहोा का वंातेावंरार्ण
�
े
े
े
�
मं मेराी यात्रीा औरा काय करा� का अ�ुभावं � कवंले ज्ञा�वंध�क राहोा, सहोयोगुात्मक हों । सहोकमी अ�ुभावंी हों औरा उन्हों� मुझे होमेशा सीख� े
�
े
े
बंनिल्क आत्मनिवंश्वास औरा उत्तरादेानियत्वं की भाावं�ा से भाी भारापूरा राहोा । क निलेए प्रोत्सानिहोते निकया । टीीम वंक की भाावं�ा औरा पारादेनिश�तेा � मुझे
औरा अनिधक प्ररिराते निकया ।
े
कायालेय मं पहोलेा निदे�ः मेरा कायग्रेहोर्ण का निदे� 27 फीरावंराी, 1997
े
�
�
े
�
े
�
को सुबंहो 9.30 बंजे से शुरू होुआ । मं समय परा होडको कायालेय, इस कायालेय मं काम कराते होुए मुझे एहोसास होुआ निक यहो कवंले
े
े
ँ
जीएस राोड, गुुवंाहोाटीी पहोुँची । होडको एक सुव्यवंनिस्थाते, अ�ुशानिसते एक �ौकराी �हों, बंनिल्क देेश क बंुनि�यादेी ढंाचे को मजबंूते करा� का
े
े
�
े
�
औरा सहोयोगुात्मक वंातेावंरार्ण वंालेा संस्थाा होै । कायालेय मं पहोले निदे� एक रााष्ट्रीीय कतेव्य होै । यहो भाावं�ा मेरा काय क प्रनिते समप�र्ण को औरा
�
े
बंचे�ी औरा निदेले मं डरा निलेए कायालेय क अंदेरा पहोु�ची औरा बंादे मं बंढ़ातेी होै ।
ै
�
कायालेय क वंरिरा.अनिधकाराी � मुझे कायप्रर्णालेी, निवंभाागुीय संराच�ा, नि�ष्कषा�ः होडको कायालेय मं कायग्रेहोर्ण क बंादे मेराा काय अ�ुभावं बंहोदे
े
े
े
�
�
�
�
�
े
े
आचारा संनिहोतेा औरा निवंनिभान्� परिरायोज�ाओंं की निवंस्तेृते जा�काराी समृद्ध औरा उद्देेश्यपूर्ण� राहोा होै । यहोा � कवंले तेक�ीकी औरा प्रशासनि�क
ँ
े
प्रदेा� की । कौशलें का निवंकास होो राहोा होै, बंनिल्क एक निजम्मेदेारा �ागुरिराक क रूप
े
�
ँ
मं निजस निवंभाागु मं कायराते होँँ, वंहोा शहोराी निवंकास परिरायोज�ाओंं की मं मेराी सोच औरा दृनिष्टकोर्ण भाी व्यापक होुआ होै । मं गुवं� से कहो सकतेी
े
े
�
योज�ा, मूल्यांक� औरा निवंत्तीय सहोायतेा से संबंंनिधते काय होोते हों । होँँ निक मं एक ऐसी संस्थाा का निहोस्सा होँँ जो भााराते क शहोराी औरा ग्रेामीर्ण
े
पहोले सप्ताहो मं मुझे मेरा काम से अवंगुते करााय औरा मुझे रिरासेप्श� निवंकास मं महोत्वंपूर्ण भाूनिमका नि�भाा राहोी होै ।
े
े
ै
े
ै
�
कायप्रर्णालेी मं बंठाया गुया औरा मुझे वंरिराष्ठा अनिधकाराी क साथा बंठ� े *****
�
ँ
े
�
का अवंसरा प्राप्त होुआ। जहोा से मेरा जीवं� की कायालेय काय की यात्रीा
शुरू होुई ।
थ
े
�
कुायक्षत्री म संीखाः कायालेय मं काय कराते होुए मं� महोसूस निकया
े
े
�
ं
े
निक प्रत्यक काय सुव्यनिस्थाते प्रनि�या क अंतेगु�ते होोतेा होै । निहोन्देी संबंंनिधते
�
े
�
�
े
काय, पत्री प्रषार्ण तेथाा अन्य क्षेत्रीीय प्रमुख क अंतेगुते समय- समय परा
े
े
े
�
निदेया जा� वंाले काय को निदेले से नि�भााया । यहो मेरा जीवं� की कम�भाूनिम होै।
े
54