Page 55 - पूर्वांचल - गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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उत्तर-पावा� भारती का े  �ार्मिमका स्थल
                           ू




                                                                                     े
                                                                      सांस्कृनितेक महोत्वं क निलेए जा�ा जातेा होै।
                                                                  निसंनिक्‍कुम

                                                                   •  र्पोमयांगत्सं मठ: पनिलेंगु मं निस्थाते, यहो निसनिक्कम का देूसराा
                                                                        े
                                                                               े
                                                                                     े
                                                                                                   े
                                                                      सबंसे पुराा�ा मठ होै औरा बंौद्ध धम� क निलेए एक महोत्वंपूर्ण�
                                                                      स्थाले होै।
                                           श्रीी अरिराजीत र्पोुराकुायस्र्थ   •  तानिशनिडंग मठ: तेानिशनिडंगु मं निस्थाते, यहो मठ बंौद्ध धम� क
                                                                                                                   े
                                                प्रबंंधकु (आई टी)
                                                                      निलेए एक महोत्वंपूर्ण� स्थाले होै औरा अप� ऐनितेहोानिसक औरा
                                                                                                      े
                                                                                     े
                                                                      सांस्कृनितेक महोत्वं क निलेए जा�ा जातेा होै।
           उत्तरा-पूवं� भााराते निवंनिवंध संस्कृनिते औरा धम� का संगुम होै, जहोां कई प्रनिसद्ध
           धानिम�क स्थाले हों। इ�मं से क ु छे प्रमुख स्थाले हों:   •  रुमटकु मठ: गुंगुटीोक मं निस्थाते, यहो मठ भाी बंौद्ध धम� क निलेए
                                                                                                               े
                                                                          े
                                                                                               े
                                                                      एक महोत्वंपूर्ण� स्थाले होै औरा अप� ऐनितेहोानिसक औरा सांस्कृनितेक
            असंम
                                                                            े
                                                                      महोत्वं क निलेए जा�ा जातेा होै।
             •  कुामाख्या  मंनिदेरा:  गुुवंाहोाटीी  मं  निस्थाते,  यहो  मंनिदेरा  तेांनित्रीक   नित्रीर्पोुराा
                        े
                 प्रथााओंं क निलेए प्रनिसद्ध होै औरा 51 शनिक्तपीठं मं से एक होै।
                                                                   •  नित्रीर्पोुराा संुंदेराी मंनिदेरा: उदेयपुरा मं निस्थाते, यहो मंनिदेरा देेवंी नित्रीपुराा
                                       े
             •  उमा�ंदे मंनिदेरा: ब्राह्मपुत्री �देी क बंीच निस्थाते, यहो मंनिदेरा भागुवंा�   सुंदेराी को समनिप�ते होै औरा 51 शनिक्तपीठं मं से एक होै।
                 निशवं को समनिप�ते होै।
                                                                   •  उ�ाकुोनिट र्पोहाड़ोी मंनिदेरा: उ�ाकोनिटी निजले मं निस्थाते, यहो मंनिदेरा
                                                                                                     े
             •  भागवंती मंनिदेरा: गुुवंाहोाटीी मं निस्थाते, यहो मंनिदेरा देेवंी भागुवंतेी   भागुवंा� निशवं औरा अन्य निहोंदेू देेवंतेाओंं को समनिप�ते होै औरा
                 को समनिप�ते होै।
                                                                                                       े
                                                                          े
                                                                      अप� ऐनितेहोानिसक औरा सांस्कृनितेक महोत्वं क निलेए जा�ा जातेा
             •  अश्वक्‍लांत  मंनिदेरा:  गुुवंाहोाटीी  मं  निस्थाते,  यहो  मंनिदेरा  भागुवंा�   होै।
                 कृष्र्ण को समनिप�ते होै।                                               *****

             •  उग्रेताराा मंनिदेरा: गुुवंाहोाटीी मं निस्थाते, यहो मंनिदेरा देेवंी उग्रेतेाराा
                 कोसमनिप�ते होै, जो देेवंी पावं�तेी का एक रूप होै।          “

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            अरुणीाचंल प्रदेश
                                                                                      े
                                                                                   ं
                                                                               म� म हमशा जीत कुी
             •  तवंांग मठ: तेवंांगु निजले मं निस्थाते, यहो भााराते का सबंसे बंड़ेा
                                   े
                 मठ होै औरा बंौद्ध धम� क निलेए एक महोत्वंपूर्ण� स्थाले होै।    आश हो�ी चंानिहए
                                  े
                                                                                        े
             •  अकुाशगंगा मंनिदेरा: पनि�म निसयांगु निजले मं निस्थाते, यहो मंनिदेरा   �संीबं बंदेल या � बंदेल े
                                               े
                                                         े
                 देेवंी देुगुा को समनिप�ते होै औरा 14वंं-15वंं शतेाब्देी क मंनिदेरां   वंक्त जरूरा बंदेलता ह ।
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                                                                                               ै
                 का घारा होै।
             •  बंोमनिडला मठ: बंोमनिडलेा मं निस्थाते, यहो मठ बंौद्ध धम� क
                                                              े
                                                े
                 निलेए एक महोत्वंपूर्ण� स्थाले होै औरा अप� ऐनितेहोानिसक औरा                                  “
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