Page 60 - पूर्वांचल - गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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छेाया और देपा�� ही संच् चुे देोस् ती हं
छाया: संार्थ नि�भाा� कुा प्रतीकु
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छेाया होमारा होरा पले साथा राहोतेी होै। वंहो अंधेरा मं �हों निदेखतेी, लेनिक�
उसका अनिस्तेत्वं निफीरा भाी बं�ा राहोतेा होै। छेाया सीखातेी होै निक सच्चा
देोस्ते वंहोी होोतेा होै जो होरा परिरानिस्थानिते मं साथा देेतेा होै-चाहोे अच्छेा या
बंूराा।
छेाया औरा देप�र्ण मं अंतेरा यहोी होै निक देो�ं होमाराी उपनिस्थानिते परा
श्रीी खनि�न्द्र चंन्द्र देासं आधारिराते होै। देप�र्ण होमं तेबं निदेखतेा होै जबं होम उसक साम� खड़े होोते े
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प्रबंंधकु (आई टी) हों औरा छेाया तेबं बं�तेी होै जबं राोश�ी होमारा ऊपरा पड़ेतेी होै। देो�ं मं
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होी होमाराी झलेक निदेखतेी होै। अंतेरा इते�ा होै निक देप�र्ण होमं सच्चा चेहोराा
भाूनिमकुा निदेखातेा होै, लेनिक� छेाया होमेशा होमारा साथा चलेतेी होै। देप�र्ण निस्थारा होै,
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छेाया औरा देप�र्ण देो महोत्वंपूर्ण� निवंषाय हों । होमारा देैनि�क जीवं� मं अ�क जबंनिक छेाया चलेायमा� होै। देप�र्ण सच्चाई निदेखातेी होै औरा छेाया होरा
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राोचक पहोलेू होोते हों। यहो देो�ं सत्य परा आधारिराते गुुर्णं से जुड़े होुए हों परिरानिस्थानिते मं साथा नि�भाातेी होै।
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औरा होमारा जीवं� मं चारां निदेखाई देेते हों। देप�र्ण औरा छेाया देो�ं होमाराी
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राोजमराा की निजंदेगुी क साधारार्ण तेो हों परांतेु गुहोरा प्रतेीक हों। एक होमं छाया कुी निवंशषाताए�
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सच निदेखातेा होै औरा देूसराा होमारा साथा होरा समय होोतेा होै। इ� देो�ं क * वंस्तेु निजस प्रकारा की होोतेी होै छेाया वंसी होी आकारा की होोतेी होै।
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बंीच एक अ�ोखा रिराश्तेा होै, एक ऐसा रिराश्तेा जो होमं देोस्तेी, सच्चाई
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औरा आत्म-निचंते� की सीख देेतेा होै। होालेांनिक, छेाया औरा देप�र्ण देो�ं * छेाया की निदेशा प्रकाश स्रोोते क निवंपराीते होोतेी होै।
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का प्रकाश से संबंंध होोतेा होै, लेनिक� इ�की प्रनिकया औरा गुुर्ण काफीी * छेाया का रांगु होमेशा कालेा होोतेा होै क्यंनिक उसम कोई प्रकाश �हों
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निभान्� होोते हों। होोतेा।
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यहोा परा मं छेाया क बंारा मं कहो�ा चाहोँँगुी निक छेाया निजस स्थाा� परा देप�र्ण औरा छेाया देो�ं क ू देराते क अ�मोले उपहोारा हों- जसे सच्चे देोस्ते।
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राहोतेा होै वंहोा प्रकाश सीधे पहोुँच �हों पातेा। जबं कोई अपारादेशी वंस्तेु एक होमं खुदे से पहोचा� करावंातेा होै औरा देूसराा कभाी अकलेा �हों
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निकसी प्रकाश स्रोोते क साम� आतेी होै, तेो उसक पीछे अंधकारामय क्षत्री छेोड़ेतेा। इ� देो�ं से यहो प्ररार्णा निमलेतेी होै निक होम खुदे भाी एक अच्छे े
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बं�तेा होै। उसे छेाया क �ाम से जा�ा जातेा होै। देोस्ते बं� सकते हों- सच्चे, ईमा�देारा औरा होमेशा साथा नि�भाा� वंाले। े
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देर्पोणी: संच्चंाई कुा प्रतीकु ह ै *****
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देप�र्ण ऐसा होोतेा होै निक होम जसे हों वंसा होी निदेखातेा होै - � क ु छे छेुपातेा,
� बंढ़ा-चढ़ाकरा निदेखातेा। बंस, जो होै वंहोी साम� राख देेतेा होै।
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देप�र्ण सीखातेा होै निक सच्चे देोस्ते भाी ऐसे होी होोतेे हों।
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देर्पोणी कुी निवंशषाताए�
* देप�र्ण मं बं�� वंालेी चीजं प्रनितेनिबंंबं होोतेी, उसे छेू �हों सकते। देप�र्ण
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होकीकते बंयां करातेी होै, जसी वंस्तेु वंसी होी निदेखाई देेतेी होै।
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