Page 62 - पूर्वांचल - गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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की संख् या �गुण् य होै। अनिधकतेरा कायालेयं की रिरापोनिटीगु ऑनिफीस प्रोत् साहो� योज�ा क निलेए पाच वंषां का एक ब् लेॉक बं�ाकरा कम से
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निदेल् लेी या कोलेकातेा होै। कम इते�ी राानिश खच� करा देे�ी होै तेानिक वंहो सबंसे छेोटी कायालेय क
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निलेए भाी लेाखं रूपए से कम � होो। पाच वंषां तेक योज�ा को नि�वंाध
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इ� आंचनिलेक कायालेयं क अधी� अ�क छेोटी-छेोटी कायालेय हों जो रूप से चलेाकरा कम�चारिरायं को निहोन् देी अनिभामुखी करा� क बंादे सराकारा
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देूरावंतेी इलेाकं मं निस्थाते होो� से रााजभााषाा की सभाी सूच�ाएं आंचनिलेक या प्रबंंध मंडले इसे बंंदे करा� या नि�बंाध रूप से जाराी राख� क बंारा मं
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से उ� तेक गुनितेशीले रूप मं या तेो �हों पहोुँचतेी हों या निफीरा प्रभाावं-शून् य कदेम उठाए तेो उत् तेम होै।
रूप से पहोुँचतेी हों।
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निवंशषा शनिक्त: पूवंोत् तेरा प्रांते मं काम करा�वंाले रााजभााषाा अनिधकारिरायं
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अनिधकतेरा आंचनिलेक स् तेरा क कायालेयं मं एक मजबंूते रााजभााषाा को निवंशेषा कायालेयी�-शनिक्त का उपयोगु करा� � देे�ा रााजभााषाा
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अ�ुभाागु का अभाावं देेखा जातेा होै। मुनिश्कले से वंहोां क एक या देो क कायान् वंय� की गुनितेशीलेतेा मं एक बंहोुते बंड़ेा बंाधक तेत् त् वं होै।
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व् यनिक्तयं परा इसकी निजम् मेदेारिरायां राहोतेी होै। फीलेस् वंरूप, छेोटी अधी�स् था पूवंोत् तेरा की भाानिषाक निवंनिवंधतेा वंाले क्षत्री मं स् थाानिपते होो�वंाले रााजभााषाा
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कायालेय- जहोां रााजभााषाा का बंो�ाफीाइड कम�चाराी �हों होोतेा औरा अनिधकाराी को निवंशेषाानिधकारा प्रदेा� करा� क निलेए भााराते सराकारा को
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इसनिलेए वंहोां से अपक्षा अ�ुरूप परिरार्णाम भाी �हों निमलेते। े
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सकाराात् मक निचंते� करा सकतेी होै।
र्पोदेानिधकुाराी: कई मौकं परा यहो देेखा गुया होै निक कायालेयं मं रााजभााषाा निहन् देी कुायशाला: कम�चारिरायं वं अनिधकारिरायं क निलेए निहोन् देी
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अनिधकाराी क रूप मं निगु�-चु� होी अनिधकाराी हों निज�का अप� मूले काम कायशालेाएं प्राय: सभाी छेोटी बंड़े कायालेयं द्वााराा नि�यनिमते रूप से
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कराते-कराते होी समय बंीते जातेा होै। वंे अप� अधी�स् था कायालेयं तेक आयोनिजते की जातेी राहोी हों। निपछेले देस वंषां मं इ�की संख् या मं काफीी
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रााजभााषाा क कायान् वंय� का काम सुचारू रूप से �हों करा पातेे।
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वंृनिद्ध होोतेी देेखी गुई होै। परांतेु वंरिराष् ठ स् तेरा क अनिधकारिरायं क निलेए औरा
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भााराते सराकारा क स् पष् टी निदेशा-नि�देेशं क बंावंजूदे अनिधक संख् यक निवंभाागु प्रमुखं के निलेए समनिकते रूप से कोई काय�शालेा आयोज� �हों
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कायालेयं मं अभाी तेक रााजभााषाा का संवंगु� (official language निकया जातेा होै। अनिधकतेरा वंरिराष् ठ अनिधकारिरायं को रााजभााषाा �ीनिते की
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cadre) होी �हों बं�ाया गुया होै । यहो रााजभााषाा क निसपानिहोयं क जा�काराी सहोी रूप मं �हों होोतेी औरा वंे सामान् य निहोन् देी लेेख� भाी भाूले
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निलेए बंहोुते बंड़ेा सदेमा होै। इसका उपयुक् ते स् तेरा परा मा�ीटीरिरांगु कराक चुके होोतेे हों। निवंभाागु प्रमुख औरा वंरिराष् ठ या वंरिराष् ठतेम अनिधकारिरायं के
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�काराात् मक पहोलेूओंं को होटीा निदेय जा� से प्रगुनिते मं औरा अनिधक तेजी निलेए क ु छे निवंशेषा रूपराेखा की काय�शालेाएं रााजभााषाा निवंभाागु चाहोे तेो
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आएगुी। आयोज� करा सकतेा होै। पूवंोत् तेरा क्षत्री मं ऐसी समनिकते कायशालेाएं
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बंहोुते होी प्रभाावंशालेी होो सकतेी हों। वंसे निपछेले देस वंषां मं जगुभागु 400
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प्रोत् संाह� योज�ा: भााराते सराकारा क रााजभााषाा निवंभाागु द्वााराा जाराी कायालेयं द्वााराा 16000 से भाी अनिधक संख् या मं निहोन् देी कायशालेाएं
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प्रोत् साहो� योज�ा क अनितेराक् ते क ु छे-क ु छे निवंभाागुं क आंचनिलेक आयोनिजते की जा चुकी हों निज�का कायालेय मं रााजभााषाा निहोन् देी का
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कायालेयं मं निवंभाागुीय प्रोत् साहो� योज�ा शुरू करा निदेया गुया होै। सभाी वंातेावंरार्ण बं�ा� मं काफीी मात्रीा मं सहोयोगु निमलेा होै।
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बंकं क प्रोत् साहो� योज�ा मं एकरूपतेा औरा समा�तेा �हों होै। कन् द्र
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सराकारा क कायालेयं मं अनिते कम प्रोत् साहो� राानिश देे� का प्रावंधा� डानिकुए कुा निहन् देी प्रनिशक्षणी: निहोन् देी मं पतेे निलेखे होो�े के कारार्ण अभाी
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राखा गुया होै जबंनिक उप�मं मं यहो राानिश संतेोषाज�क होै। छेोटी-छेोटी तेक 80 प्रनितेशते पत्री गुंतेव् य स् थाले परा या तेो देेराी से पहोुँच राहोे हों या कहों
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कायालेयं मं व् यवंहोारिराक रूप से यहो योज�ा लेागुू होी �हों होै। गुुम होोते राहोे हों। इसका आधाराभाूते कारार्ण यहो होै निक समस् ते पूवंोत् तेरा
क्षत्री क निहोन् देीतेरा भााषाी डानिकए द्वााराा निहोन् देी अच् छेी तेराहो पढ़ � सक�ा।
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निहोन् देीतेरा भााषाी रााज् य होो� क कारार्ण इस क्षत्री क कायालेयं मं प्रोत् साहो� एक निवंशेषा वं समयबंद्ध योज�ा क तेहोते डानिकए का निहोन् देी भााषाा का
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योज�ा क रूप मं कम�चारिरायं को मोनिटीवंटी करा� क निलेए निजते�ी गुहो� प्रनिशक्षर्ण आयोज� करा�ा बंहोुते होी आवंश् यक जा� पड़ेतेा होै।
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राानिश की योज�ाएं अपनिक्षते होै, वंहो �गुण् य होै। तेात् पय यहो होै निक सभाी अन् यथाा अनि�नि�ते अवंनिध तेक पतें का निलेख�ा अंग्रेेजी मं होी चलेतेा
लेाभाकाराी संगुठ� की योज�ा मं तेमाम बंढ़ोत् तेराी होोतेी तेो ज् यादेा से राहोेगुा। डाक निवंभाागु इस समस् या का समाधा� खोज� क निलेए पहोले
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ज् यादेा कम�चाराी इस योज�ा मं आ जाते। कन् द्रीय सराकाराी कायालेयं करा तेो उत् तेम होोतेा।
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क प्रोत् साहो�, जो वंानिषा�क आधारा परा तेय निकए जा राहोे हों, अबं निस्थानिते
को देेखते होुए इ�मं गुुर्णात् मक परिरावंते� कराक मानिसक आधारा परा निहन् देी कुे र्पोदे औरा उ� र्पोरा भाती: जहोाँ तेक रााजभााषाा के निलेए पदें
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नि�नि�ते निकया जा�ा उपयुक् ते होो सकतेा होै। तेबं उ�का व् यवंहोारिराक औरा के सृज� की बंाते होै निपछेलेे देस वंषां मं निजते�े पदे पूवंोत् तेरा प्रांते के
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द्रुतेगुामी तेथाा संतेोषाज�क परिरार्णाम साम� आएंगुे। कायालेयं क निलेए स् वंीकृते होुए हों -निगु�तेी मं वंे बंहोुते होी कम हों। जबं
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