Page 63 - पूर्वांचल - गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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तेक रााजभााषाा क कानिम�कं की संख् या मं मजबंूतेी �हों आएगुी तेबं 5. रााष् ट्रीीयकृते बंकं द्वााराा रााजभााषाा संबंंधी पदें को भारा� क निलेए लेी
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तेक इक् क-देुक् क कानिम�कं से यहो उम् मीदे करा�ा शायदे व् यावंहोारिराक जा�वंालेी निलेनिखते पराीक्षा क निलेए पूवंोत् तेरा प्रांते मं अनि�वंाय रूप
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�हों होोगुा निक यहो निमश� सफीले होो जाएगुा। क्षत्री क 900 कायालेयं मं से पराीक्षा कन् द्र बं�ा�ा।
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40 से 50 की संख् या मं रााजभााषाा अनिधकाराी, 50 से 100 की संख् या 6. कम से कम तेी� वंषा� मं एक बंारा कन् द्रीय निहोन् देी सनिमनिते की बंठक
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मं निहोन् देी अ�ुवंादेक औरा 100 से 150 की संख् या मं सहोायक/टींकक का पूवंोत् तेरा प्रांते मं आयोनिजते करा�ा।
काम करा राहोे हों। यहो शनिक्त नि�निवं�वंादे रूप से कम होै। आ�ुपानितेक देरा
परा यहो संख् या 300 रााजभााषाा अनिधकाराी, 500 निहोन् देी अ�ुवंादेक ओंरा 7. निहोन् देी के पदे भारा�े के निलेए क्षेत्रीीय एसएससी काया�लेय द्वााराा तेुरांते
700 टींकक की होो�ी चानिहोए थाी। इस तेथ् य की निस्थानिते को अन् यथाा कारावंाई करा�ा औरा छेूटी आनिदे क निलेए निवंनिवंकाधी� शनिक्त का
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� लेकरा 5 वंषां क भाीतेरा एक सुनि�योनिजते तेराीक से पदे सृज� औरा इस् तेमाले करा�ा।
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उ� परा भातेी का काम पूराा करा�ा एक सकाराात् मक काय होोगुा। औरा
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निजते� पदे निफीलेहोाले हों, भातेी नि�यमं का निशनिथालेीकरार्ण कराते होुए उ� 8. प्रत् यक प्रमुख मंत्रीालेयं की निहोन् देी सलेाहोकारा सनिमनिते की वंषा� मं
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रिराक् ते पदें को समयबंद्ध तेराीक से भारा निलेए जा� से काय मं तेीव्रतेा कम से कम एक बंठक पूवंोत् तेरा प्रांते मं आयोनिजते करावंा�ा।
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आएगुी। लेक्ष् य यहो होो�ा होै निक निबं�ा निवंलेंबं क युद्धकानिलेक तेत् परातेा 9. निहोन् देीतेरा भााषाी कम�चारिरायं की अप�ी मातेृभााषााओंं की भाावं�ा
से रााजभााषाा क निलेए संराच�ात् मक निवंकास करा� की जरूराते होै। निजससे को ध् या� मं राखते होुए निहोन् देी भााषाा निशक्षर्ण का पाठ्य�म उसकी
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एक �वंी� औरा उवं�रा वंातेावंरार्ण बं� औरा रााजभााषाा क कायान् वंय� मं मातेृभााषाा क माध् यम से भाी तेयारा करा�ा।
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निवंशुद्ध गुनितेशीलेतेा आए।
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निहन् देी र्पोत्री-र्पोनित्रीकुाएं: पूवंोत् तेरा क निवंनिभान् � कायालेयं से जो पत्री-
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पनित्रीकाएं, गुृहो पनित्रीकाएं नि�कालेी जा राहोी हों, उ�की संख् या अबं
निवंशालेतेा की तेराफी जा राहोी होै। नि�नि�ते रूप से यहो कायालेयं क
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अनितेरिराक् ते बंाहोरा क क्षत्री मं भाी निहोन् देी क पठ�-पाठ� औरा लेख� का “
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एक शुभा-संकते होै। लेनिक� बंहोुते अच् छेी-अच् छेी पत्री-पनित्रीकाओंं क
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एक-देो इश् यू नि�कलेकरा मरा जा�ा भाी निचंतेा का निवंषाय होै।
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पूवंोत् तेरा मं रााजभााषाा निहोन् देी की निस्थानिते क अध् यय� औरा निवंवंेच�
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मं निमलेी कनिमयं को देूरा करा� तेथाा निहोन् देी का एक उम् देा वं बंहोतेरा
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वंातेावंरार्ण बं�ा� क निलेए नि�म् �निलेनिखते बंातें परा एक बंारा निफीरा से चंाह रााह देरा क्यं � हो जाए�
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निवंचारा निकया जा सकतेा होै : ख्वंानिहश कुभाी कुम �हं होगी ।
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1. रााजभााषाा निहोन् देी क कायान् वंय� होेतेु वंरिराष् ठ स् तेरा क अनिधकारिरायं कु ु छ रिराश्त वंक्त सं �हं,
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क निलेए निवंशेषा निदेशा-नि�देेश जाराी करा�ा औरा उ�क द्वााराा निकए गुए
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रााजभााषाा क काम का काम प्रभाावंी मा�ीटीॉरिरांगु करा�ा। निदेल सं जुड़ोी राहती ह ।
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2. रााजभााषाा क पदे क निलेए बं� या बं�ाए जा राहोे भातेी नि�यमसवंलेी
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मं समा�तेा लेा� औरा निशनिथालेीकरार्ण क निलेए नि�देेश देे�ा।
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3. प्राज्ञ उत् तेीर्ण� पाठ्य�म उत् तेीर्ण� करा�वंालें क निलेए निवंशेषा प्रकारा
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का एक वंषाीय सानिहोनित्यक रूनिच का प्रनिशक्षर्ण पाठ्य�म औरा “
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देूसरा वंषा�मं तेक�ीकी रूनिच का पाठ्य�म तेयारा करा�ा।
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4. प्रोत् साहो� योज�ाओंं की राानिश मं बंढ़ोत् तेराी कराते होुए समा�तेा
लेा�ा।
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