हमारे देश में, आवासीय तथा इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के क्षेत्र में हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमि. (हडको), सार्वजनिक क्षेत्र का एक प्रमुख तकनीकी-वित्तीय उपक्रम है l 2,500 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी के साथ, आज की तारीख में हडको के पास 2,001.90 करोड़ रुपये की प्रदत्त इक्विटी है l कॉर्पोरेशन का मुख्यालय राष्ट्री य राजधानी, नई दिल्लीी में स्थित है और देशभर में इसके विभिन्न क्षेत्रीय तथा विकास कार्यालयों का विशाल नेटवर्क है जिसमें सशक्तद एवं बहु-आयामी कार्मिक कार्यरत हैं। लोगों के जीवन को बदलने के लिए एक अग्रणी तकनीकी-वित्तीय संस्था होने की अपनी कॉर्पोरेट दृष्टि के साथ, हडको जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए स्थायी आवास विकास को बढ़ावा देने के मिशन पर है। हडको को 2002 में शेड्यूल-ए पीएसई में अपग्रेड किया गया था और 2004 में इसे मिनी रत्न का दर्जा भी दिया गया था। लोगों के जीवन को बदलने के लिए एक अग्रणी तकनीकी-वित्तीय संस्था होने की अपनी कॉर्पोरेट विज़न के साथ, हडको जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए स्थायी आवास विकास को बढ़ावा देने के मिशन पर है। हडको को 2002 में शेड्यूल-ए पीएसई में अपग्रेड किया गया था और 2024 में इसे नवरत्न का दर्जा भी दिया गया था।
सभी आवास वित्त संबंधी ऋणों को सामाजिक आवास, आवासीय अचल संपत्ति, स्वास्थ्य केंद्र, खेल के मैदान, पुलिस स्टेशन, न्यायालय, जेल, श्मशान-घाट और खुदरा वित्त इत्यादि में वर्गीकृत किया गया है । रिटेल वित्त्पोष्ण को भी हडको निवास (सामूहिक रूप से, "आवासीय वित्त्पोष्ण") के नाम से जाना जाता है ।
शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर वित्तपोषण में, निम्नलिखित संबंधित परियोजनाओं के लिए ऋण स्वीकृत किए जाते हैं:
- जलापूर्ति
- सड़कें और परिवहन
- ऊर्जा
- उभरते क्षेत्र, जिसमें एसईजेड (विशेष आर्थिक क्षेत्र), औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर, गैस पाइपलाइन, तेल टर्मिनल और दूरसंचार क्षेत्र की परियोजनाएं शामिल हैं
- वाणिज्यिक इंफ्रास्ट्रक्चर तथा अन्य, जिनमें शॉपिंग सेंटर, मार्केट कॉम्प्लेक्स, मॉल-कम-मल्टीप्लेक्स, होटल और कार्यालय भवन शामिल हैं
- सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर और क्षेत्र विकास तथा
- सीवरेज, ड्रेनेज और कठोर अपशिष्ट प्रबंधन (समेकित रूप से, "शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर वित्तपोषण")।
- स्मार्ट सिटी
शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर वित्तपोषण के प्रमुख उधारकर्ता, राज्य सरकारें और उनकी एजेंसियां होती हैं। हडको ने मार्च 2013 से ही निजी क्षेत्र की संस्थाओं को नए शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर वित्तपोषण ऋण मंजूर करना बंद कर दिया है ।