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आरटीआई अधिनियम 2005, भारत गणराज्य 12.10.2015 से प्रभावी “सूचना का अधिकार अधिनियम” से सूचना का अधिकार लागू करने वाला विश्व का 48वां देश बना । यह अधिनियम भारत के नागरिकों को “सार्वजनिक प्राधिकारी” के पास उपलब्ध जानकारियों को प्राप्त करने का अधिकार देता है । अधिनियम का मूल लक्ष्य “सार्वजनिक प्राधिकारी” के कार्य-निष्पादन में पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व लाना और इस तरह भ्रष्टाचार को रोकना है। अधिनियम की धारा 2 (एच) के अनुसार, सभी केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सार्वजनिक प्राधिकरी हैं । अतः हडको सीपीएसई होने के नाते सार्वजनिक प्राधिकारी भी है और इस अधिनियम के तहत भारतीय नागरिकों द्वारा मांगी गयी जानकारी को उपलब्ध करवाने के लिए बाध्य है (आरटीआई अधिनियम 2005, 2012 में किये गए अपने संशोधनों सहित परिशिष्ट के रूप में दिया गया है) हडको ने आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 4 के प्रावधानों का निम्नानुसार दी गयी विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाने के रूप में पूर्णतः पालन किया है :-