Page 36 - लक्ष्य - चंडीगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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स पीठ मां च बदनी क म हमा ह अपार
टहरी माग पर च क ट पव त पर थत लगभग आठ हजार फ ट क ऊ चाई पर थत ह स पीठ मां च बदनी मं दर।
देव याग से 33 कमी क दूरी पर यह स पीठ थत ह । धा म क ऐ तहा सक व सां क तक म च बदनी
उ राखंड क श पीठ म मह वपूण ह ।
क दपुराण, देवी भागवत व महाभारत म इस स पीठ का व तार से वण न आ ह । ाचीन थ म भुवने री
स पीठ क नाम से इसका उ ेख ह । पौरा णक आ यान क अनुसार भगवान शंकर का सती क मृत देह क त मोह
समा करने क लए भगवान व णु ने सती क पा थ व काया को सुदश न च से कई भाग म बांट दया था। सती का
कटीभाग च क ट पव त पर गरने से यहां पर भुवने री स पीठ था पत ई। कालांतर म भगवान शंकर इस थल पर
आए। सती क वरह से याक ल भगवान शव यहां सती का मरण कर सुदबुद खो बैठ । इस पर महामाया सती यहां
अपने च क समान शीतल मुख क साथ कट ई। इसको देखकर भगवान शंकर का शोक मोह दूर हो गया और
स चत हो उठ । देव-ग ध व ने महाश क इस प का दश न कर तु त क । इसक बाद से यह तीथ च बदनी क
नाम से व यात आ। महाभारत क एक कथा क अनुसार च क ट पव त पर अ थामा को फ का गया था। चर जीव
अ थामा अभी भी हमालय म वचरते ह यह माना जाता ह । गभ गृह म भू म पर भुवने री यं था पत ह । जब क
ऊपर क ओर थत यं सदा ढका रहता ह । पुजार गांव नवासी भ ाहमण ही मं दर म पूजा अच ना करते आ रह ह ।
अ बल चंद
एम पी एस
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