Page 39 - लक्ष्य - चंडीगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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               काम म  लाया जा सकता ह । इस  कार न क वल ऊजा  क  बबा दी  कती ह  ब  क नवीकरणीय  ोत  का अ धकतम
               दोहन संभव होता ह । इससे जीवा म  धन पर  नभ रता घटती ह  और पया वरण संर ण म  मदद  मलती ह ।

               4. भारत म  BESS क    थ त और प रयोजनाएँ

               भारत ने हाल ही म  बैटरी  टोर ज म  मह वपूण   ग त क  ह । 2024 म  देश म  341 MWh नई  मता जुड़ी और क ल
                मता 442 MWh हो गई। 2031–32 तक भारत को लगभग 236 GWh बैटरी  टोर ज क  आव यकता होगी। अभी
               यह  मता ब त कम ह , ले कन तेजी से बढ़ रही ह ।

               क छ उ ेखनीय प रयोजनाएँ ह :

               4.1.  राजनंदगाँव (छ ीसगढ़): 40 MW / 120 MWh BESS और 152 MW पीक सौर  लांट।
               4.2.   द ी (BRPL): 20 MW / 40 MWh बैटरी प रयोजना,  ांट सहायता से।

               4.3.  ल  ीप: 1.7 MW सौर + 1.4 MWh BESS माइ ो  ड,  जसने 19.8  म लयन लीटर डीज़ल क  बचत
                     क ।

               4.4.  गुजरात का मोधेरा गाँव: 15 MWh बैटरी क  साथ भारत का पहला पूण तः सौर ऊजा  पर चलने वाला गाँव।
               4.5.  महारा : MSEDCL ने 16,000 MW सौर  मता को समथ न देने क   लए 1,500 MWh बैटरी  टोर ज का
                       ताव रखा ह ।


               5.   वै  क    कोण
               दु नया क  कई देश BESS म   नवेश कर रह  ह । अमे रका, चीन और जम नी ने बड़  पैमाने पर   ड- क ल बैटरी  टोर ज

               अपनाया ह । चीन दु नया क  सबसे बड़ी बैटरी  नमा ता ह  और वै  क आपू त   ृंखला पर उसका वच  व ह । यूरोप म
               भी पवन और सौर ऊजा  क  साथ बैटरी  टोर ज संयोजन से  बजली  णाली अ धक   थर हो रही ह । भारत इस दौड़ म
               अभी शु आती अव था म  ह  ले कन अपनी तेज़ ग त से अ णी बनने क   मता रखता ह ।

               6.  चुनौ तयाँ

               6.1.  लागत संबंधी चुनौती

               वत मान समय म   ल थयम-आयन बैट रय  क  लागत अभी भी अपे ाक त अ धक ह । य  प  पछले क छ वष  म  इनक
               क मत  म   गरावट आई ह ,  फर भी बड़  पैमाने पर सौर ऊजा  प रयोजना  क   लए यह लागत एक मह वपूण  बाधा बनी
                ई ह ।  ार  भक  नवेश (Capital Cost) का बड़ा  ह सा बैट रय  क  खरीद और  थापना म  ही खच  हो जाता ह ।


               6.2.  सी मत आयु
                ल थयम-आयन बैट रय  का जीवनकाल सामा यतः 8 से 10 वष  होता ह । इस अव ध क  बाद बैट रय  क   मता धीर -
               धीर  घटने लगती ह  और उ ह  बदलना आव यक हो जाता ह । इससे दीघ का लक प रयोजना  क   व ीय योजना पर
               दबाव पड़ता ह ,  य  क बैट रय  का बार-बार   त थापन करना लागत और रखरखाव दोन     य  से चुनौतीपूण  ह ।






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