Page 40 - लक्ष्य - चंडीगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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6.3. क े माल पर नभ रता
बैट रय क नमा ण म यु ल थयम और कोबा ट जैसे मुख ख नज भारत म चुर मा ा म उपल ध नह ह । इनका
आयात मु यतः ऑ लया, चली और कांगो जैसे देश से कया जाता ह । इससे आपू त ृंखला (Supply Chain)
पर नभ रता बढ़ जाती ह और भू-राजनी तक प र थ तय या वै क मांग म उतार-चढ़ाव क कारण लागत और
उपल धता दोन भा वत हो सकती ह ।
6.4. रीसाइ ंग और पया वरणीय चंता
पुरानी बैट रय का सुरि त नपटान और पुनच ण (Recycling) भारत म अभी शु आती चरण म ह । य द बैट रय
को वै ा नक तरीक से रीसायकल न कया जाए, तो इनम मौजूद हा नकारक रसायन पया वरण और वा य क लए
गंभीर खतरा पैदा कर सकते ह । वक सत देश क तुलना म भारत म रीसाइ ंग का बु नयादी ढाँचा अभी पया नह
ह , जो भ व य म एक बड़ी सम या बन सकता ह ।
6.5. व ीय जो खम और नी तगत ज टलताएँ
बड़ पैमाने पर बैटरी टोर ज ोजे स क लए भारी पूंजी क आव यकता होती ह । कई बार प रयोजना क लए
व ीय सं थान से समय पर नवेश जुटाना क ठन हो जाता ह । इसक अ त र , ट ड र ग या और नी तगत
अ न तता क कारण प रयोजना म देरी भी होती ह । इससे नवेशक का व ास कमजोर पड़ सकता ह और
प रयोजना क ग त भा वत हो सकती ह ।
7. भ व य क संभावनाएँ
भारत ने 2070 तक नेट-जीरो उ सज न का ल य तय कया ह और BESS इसम क ीय भू मका नभाएगा। आने वाले
समय म :
7.1. ीन हाइ ोजन + सौर + बैटरी का संयु मॉडल ऊजा णाली को बदल देगा।
7.2. घर लू उ पादन (Make in India): बैटरी नमा ण को ो साहन देकर आयात पर नभ रता घटाई जाएगी।
7.3. माट ड और ड जटल तकनीक: बजली क वतरण और टोर ज को और क शल बनाएंगे।
7.4. गाँव और छोट क ब म सामुदा यक सोलर + BESS ोजे स ऊजा आ म नभ रता लाएँगे।
8. न कष
सौर ऊजा और बैटरी टोर ज का संयोजन क वल एक तकनीक समाधान नह , ब क भारत क लए आ थ क वकास,
पया वरण संर ण और ऊजा आ म नभ रता क क जी ह । यह संयोजन न क वल रात- दन बजली उपल ध कराता ह
ब क दूषण घटाने और जलवायु प रवत न से लड़ने म भी मह वपूण ह । य द आने वाले वष म सरकार, उ ोग और
समाज मलकर सौर ऊजा और BESS को ाथ मकता द गे, तो भारत न त प से ऊजा महाश क प म
उभर गा।
मनीष कौशल,
सहायक महा बंधक (प र)
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