Page 37 - लक्ष्य - चंडीगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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ऊजा का नया युग:
सौर श और बैटरी भंडारण
1. पृ भू म
ऊजा आधु नक समाज और अथ यव था क रीढ़ ह । घर लू रोशनी, संचार, वा य सेवाएँ, उ ोग, क ष तथा प रवहन
जैसे येक े म बजली क अ नवाय आव यकता ह । ऐ तहा सक प से मानवता ने अपनी ऊजा आव यकता
को पूरा करने ह तु कोयला, पे ो लयम और ाक तक गैस जैसे पार प रक धन पर अ य धक नभ रता बनाए रखी। क तु
इनक सतत एवं अंधाधुंध दोहन ने वायु दूषण, ीनहाउस गैस उ सज न, वै क ऊ मीकरण तथा जलवायु प रवत न
जैसी गंभीर चुनौ तय को ज म दया ह , जनका भाव आज समूचे व पर प रलि त हो रहा ह ।
ऐसे प र य म नवीकरणीय ऊजा ोत का मह व अ य धक बढ़ गया ह । इनम सौर ऊजा सबसे यवहाय , व छ और
थायी वक प क प म उभरकर सामने आई ह । भारत जैसे उ णक टबंधीय देश म , जहाँ वष म औसतन 300 से
अ धक दन धूप उपल ध रहती ह , सौर ऊजा न क वल ऊजा आ म नभ रता ब क पया वरण संर ण और सतत वकास
क दशा म भी एक मह वपूण अवसर तुत करती ह ।
हालाँ क, सौर ऊजा उ पादन क अपनी तकनीक सीमाएँ ह । यह क वल दन क समय और अनुक ल मौसम
प र थ तय म ही उपल ध रहती ह , जससे आपू त और माँग क बीच असंतुलन उ प होता ह । रा कालीन अव ध
अथवा बादल से ढक मौसम म बजली उ पादन क जाता ह , जसक प रणाम व प सौर ऊजा क व सनीयता
भा वत होती ह ।
इ ह चुनौ तय को देखते ए बैटरी ऊजा भंडारण णाली
(Battery Energy Storage System – BESS)
एक अ नवाय समाधान क प म सामने आती ह । BESS
ौ ो गक न क वल अ धशेष सौर ऊजा को सं हीत
करती ह , ब क आव यकता पड़ने पर उसे ड अथवा
उपभो ा तक प चाकर नर तर और थर ऊजा
आपू त सु न त करती ह । यह णाली व ुत ड क
थरता, अ य ऊजा क अ धकतम उपयो गता तथा
भारत क दीघ का लक ऊजा सं मण ल य क ा म
नणा यक भू मका नभाती ह ।
2. सौर ऊजा – असी मत संभावनाएँ
सौर ऊजा का इ तहास ब त पुराना ह , ले कन इसे आधु नक पैमाने पर अपनाना पछले दो दशक म तेज़ी से बढ़ा ह ।
भारत ने 2010 म जवाहरलाल नेह रा ीय सौर मशन (JNNURM) शु कया था। इसक बाद से सौर मता
2010 म मा 18 MW से बढ़कर 2025 म लगभग 82 GW तक प च चुक ह । भारत ने 2030 तक 280 GW
सौर मता था पत करने का ल य रखा ह । सौर ऊजा क कई प ह — ड-कने ट ड सौर पाक , घर क छत पर सौर
पैनल (Rooftop Solar), क ष पंप, ीट लाइट और छोट -छोट ऑफ- ड समाधान। वशेषकर ामीण और दुग म
े म सौर ऊजा बजली क प च सु न त करने का सबसे आसान साधन बन रही ह ।
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