Page 33 - पूर्वांचल - गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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काोर संे काॉरिरडोर तीका :
असंम काी क्षेेत्रीीय व्यवास्था मं गुुवााहाटीी का े शहरी गुुरुत्वााकार्ष�� काा पाुनासंंयोजना
गुुवंाहोाटीी निवंश्वनिवंद्योालेय औरा गुुवंाहोाटीी औरा उसक आसपास क अन्य
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सराकाराी औरा नि�जी संस्थाा�ं जसे संस्थाा�ं मं उच्च निशक्षा क अवंसरां
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क निलेए शहोरा की ओंरा आकनिषा�ते होोते हों। इसक परिरार्णामस्वंरूप परिरानिध
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से प्रनितेभाा पलेाय� होोतेा होै, जो संज्ञा�ात्मक औरा पशेवंरा देो�ं कद्र क
रूप मं गुुवंाहोाटीी की निस्थानिते को मजबंूते करातेा होै।
इसी तेराहो, स्वंास्थ्य सवंा चाहो� का व्यवंहोारा कद्रीय स्थाा� निसद्धांते को
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श्रीी अंकु ु राज्योनित मधी प्रनितेनिबंंनिबंते करातेा होै, जहोा गुुवंाहोाटीी क अस्पतेाले एक निवंस्तेृते ग्रेामीर्ण
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संुर्पोुत्री - श्रीी शंकुरा मधी, प्रबंंधकु (निवंत्त) औरा अध�-शहोराी क्षत्री क निलेए उच्च स्तेराीय सवंा प्रदेातेा क रूप मं काय �
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पूवंोत्तरा भााराते क स्थाानि�क-रााज�ीनितेक (spatial political) मैनिट्रीक्स कराते हों।
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मं, गुुवंाहोाटीी एक प्रमुख शहोरा क रूप मं काय करातेा होै। यहो � कवंले इस बंीच, परिराधीय अथाव्यवंस्थााएँ एक आनिश्रृते नि�ष्कषा�र्ण तेक क
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ज�सांनिख्यकीय भाारा क संदेभा� मं, बंनिल्क प्रशासनि�क, आनिथाक औरा अंतेगु�ते संचानिलेते होोतेी राहोतेी हों। खारुपनिटीया से बंागुवंा�ी उत्पादे,
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ज्ञा�ात्मक प्रानिधकरार्ण क प्रमुख कद्र क रूप मं भाी काय करातेा होै। गुोवंालेपाड़ेा औरा बंोको से पशुध� तेथाा �लेबंाराी, �गुांवं, धुबंराी से
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वंालेरास्टीी� औरा फ्रीीडम� की अंतेदृ�निष्ट परा आधारिराते, कोरा-परिरानिध अ�ौपचारिराक श्रृम गुुवंाहोाटीी क शहोराी चयापचय(Metabolism) को
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(core periphery) अवंधारार्णा क दृनिष्टकोर्ण से गुुवंाहोाटीी एक कद्रीय बं�ाए राखते हों, निफीरा भाी इ� क्षत्रीं मं अंतेजाते निवंकास या मूल्यवंनिध�ते
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शहोराी क्षत्री क भाीतेरा शनिक्त औरा पूंजी के संकं द्रर्ण (Concentration) पु�नि�वंेश क मामले मं बंहोुते कम प्रगुनिते होुई होै।
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का एक प्रमुख उदेाहोरार्ण होै।
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असम सराकारा द्वााराा अंतेमहोा�गुराीय निवंकद्रीकरार्ण लेागुू करा� क
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इसक निवंपराीते, आसपास क निजले, जो संराच�ात्मक रूप से गुुवंाहोाटीी वंतेमा� मं निकए गुए प्रयास, जसे- गुुवंाहोाटीी उच्च न्यायालेय परिरासरा
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से जुड़े हों, स्थाानि�क होानिशए (spatial marginalization) परा अलेगु- का आनिम�गुांवं मं नि�योनिजते स्थाा�ांतेरार्ण, फीसी बंाजारा थाोक बंाजारा
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अलेगु स्तेरां परा इस बंाते का अ�ुभावं कराते हों। इस निवंषामतेापूर्ण� शहोराी को उत्तरा गुुवंाहोाटीी मं स्थाा�ांतेरिराते करा�ा, औरा ब्राह्मपुत्री क उत्तराी तेटी
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व्यवंस्थाा � असमा� निवंकास का एक स्पष्ट उदेाहोरार्ण प्रस्तेुते निकया होै, परा �ए प्रशासनि�क कद्र आनिदे स्थाानि�क पु�निवं�तेरार्ण निसद्धांते क साथा
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निजसकी निवंशेषातेा श्रृम, वंस्तेुओंं औरा सांस्कृनितेक पूंजी का एकतेराफीा एक मामूलेी जुड़ेावं को देशाते हों। यहो प्रयास क्षेत्रीीय नि�योज� क भाीतेरा
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प्रवंाहो होै जो परिरानिध से कद्र की ओंरा जातेा होै, जबंनिक नि�र्ण�य ले� औरा निवंकद्रीकरार्ण क निवंमश� क अ�ुरूप होै, निफीरा भाी इसक कायान्वंय� मं उसी
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पु�नि�वंेश एक निवंनिशष्ट क्षत्री मं कनिद्रते राहोतेा होै। शहोराी प्रधा�तेा औरा पदेा�ु�निमते स्थाानि�क व्यवंस्थाा क पु�रुत्पादे� का
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निवंकास क एक ध्रुुवं क रूप मं गुुवंाहोाटीी का उदेय, जो अनिधकांश जोनिखम होै।
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बंुनि�यादेी ढंांचागुते नि�वंेश, संस्थाागुते उपनिस्थानिते औरा क ु लेी� सवंाओंं अगुरा इसे एकीकृते परिराधीय सशक्तीकरार्ण क साथा जोड़े निदेया जाए,
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को आकनिषा�ते करातेा होै। पड़ेोसी क्षत्रीं, जसे- होाजो, �लेबंाराी, बंरापटीा, तेो कोरा को खालेी करा� की परिरानिध का लेोकतेंत्रीीकरार्ण समझ� की
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छेयगुांवं, मरिरागुांवं औरा काबंी आंगुलेंगु क आनिदेवंासी भाीतेराी इलेाकं भाूले �हों करा�ी चानिहोए। बंहोु-निदेशात्मक अवंसंराच�ात्मक जुड़ेावं,
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क साथा नि�भा�रातेा द्वांद्वा को मजबंूते करा राहोे हों। सहोभाागुी योज�ा औरा निजलेा स्तेरा परा निवंत्तीय स्वंायत्ततेा क निबं�ा, ऐसे
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उदेाहोरार्ण क निलेए, शैनिक्षक प्रवंास�(माइग्रेेश�) क रुझा� स्थाानि�क स्थाानि�क बंदेलेावं कायात्मक स्थाा�ांतेरार्ण क सतेहोी काय होी राहोंगुे, �
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निस्थारातेा औरा सांस्कृनितेक आनिधपत्य क एक निवंनिशष्ट उदेाहोरार्ण को निक वंास्तेनिवंक क्षेत्रीीय पु�स�तेुले�।
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उजागुरा करातेी होै जहोां मजबंूते स्थाा�ीय संस्थाा�ं औरा संसाध�ं की इसक अलेावंा, एक सांस्कृनितेक कद्र क रूप मं गुुवंाहोाटीी की भाूनिमका
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कमी से सीनिमते परिराधीय क्षत्रीं क युवंा लेोगु कॉटी� निवंश्वनिवंद्योालेय औरा
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