Page 28 - पूर्वांचल - गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
P. 28

ं
              उमानादे महिदेर
                              ं


                                                                 प्रभाु )हों। उमा�ंदे �ाम देो निहोंदेी शब्दें से निमलेकरा बं�ा होै, जो भागुवंा�
                                                                                                      �
                                                                 निशवं की पत्�ी का देूसराा �ाम थाा औरा, निजसका अथा होै सुख। वंास्तेवं मं,
                                                                 मयूरा द्वाीप सबंसे छेोटी बंसे होुए द्वाीपं मं से एक होै।
                                                                                े
                                                                 इनितहासं

                                                                                                    े
                                                                                     े
                                                                 इस स्थाले परा गुुप्तोत्तरा काले क एक पाषाार्ण मंनिदेरा क साक्ष्य देेखे जा सकते  े
                                                                 हों। इस स्थाले परा प्रारांनिभाक मध्यकाले की पाषाार्ण मूनितेया औरा �क्काशी
                                                                                                       �
                                                                                                         ँ
                                                                                                            े
                                                                           ँ
                                                                 मौजूदे हों। यहोा गुर्णेश की शैलेकृते मूनितेयं औरा एक गुुफीा क अलेावंा,
                                                                                             �
                                            श्रीी माधवं तालुकुदेारा,   चतेुभाुज पाषाार्ण स्त्ी आकृनिते आज भाी मौजूदे होै।
                                                                     �
                                          वंरिरा. प्रबंंधकु (संनिचंवंीय)
                                                                                                          े
                                                                 उमा�ंदे का ई ं टीं से बं�ा मंनिदेरा 1694 ई .मं अहोोम वंंश क सबंसे वंरिराष्ठा
                                                                 औरा शनिक्तशालेी शासकं मं से एक रााजा गुदेाधरा निसंहो 1681-1696) क
                                                                                                                   े
                 े
                             े
           असम क कामरूप निजले मं ब्राह्मपुत्री                                            आदेेश परा बंराफी ु क� गुढ़गुण्य होांनिडक
                                                                                                                े
                े
           �देी क मध्य निस्थाते एक छेोटीा औरा                                             द्वााराा बं�वंाया गुया थाा। मुगुले स�ा �  े
           सुंदेरा द्वाीप, जो कचहोराी घााटी से निदेखाई                                    इस मंनिदेरा को अपनिवंत्री करा निदेया थाा।
                                                                                                            े
                                                                                                         े
                       े
           देेतेा होै औरा इसक पास उमा�ंदे मंनिदेरा                                        बंादे मं जबं औरांगुजबं � गुुवंाहोाटीी
                                                                                                                े
           निस्थाते होै। यहो द्वाीप पत्थारा, निमट्टी औरा                                  परा कब्ज़ीा करा निलेया, तेो उस� मंनिदेरा
                                                                                                                 ँ
           होरा-भारा जंगुले से ढंका होुआ होै। इसे                                         को  जागुीरा  प्रदेा�  की।  होालेानिक,
             े
                े
                                                                                                े
           देुनि�या का सबंसे छेोटीा बंसा होुआ                                             1897 क निवं�ाशकाराी भाूक ं प मं मूले
                                  �
           �देी  द्वाीप  मा�ा  जातेा  होै।  पयटीक                                         मंनिदेरा को भााराी �ुकसा� पहोुँचा थाा।
           स्थाा�ीय �ावं औरा सराकाराी जहोाज                                               बंादे मं, एक ध�ी स्थाा�ीय व्यापाराी
                                                                                           े
                                                                                                      �
                                                                                                    �
                                े
           से मंनिदेरा का देश�� करा� जाते हों।                                            � इसका पु�नि�मार्ण करावंाया, निजस�  े
                            े
                                                                                          एक निशवं मंनिदेरा क आंतेरिराक भाागु परा
                                                                                                      े
                                                                                                 े
           निजस पवं�ते परा यहो मंनिदेरा बं�ा होै उसे                                      वंैष्र्णवं �ारा निलेखवंाए।
           भास्मकलेा क �ाम से जा�ा जातेा
                    े
                       �
           होै।  इसका  नि�मार्ण  1694  ईस्वंी  मं
                                                   े
                               े
           अहोोम रााजा गुदेाधरा निसंहो क शास�काले मं होुआ थाा, लेनिक� 1897 क   संंराचं�ा
                                                              े
           असम की भाूक ं प मं यहो �ष्ट होो गुया थाा।
                                                                                                                  �
                                                                                                            ँ
                                                                                         ँ
                                                                 मंनिदेरा को क ु छे शैलेकृते आकृनितेया निवंराासते मं निमलेी हों। यहोा की मूनितेया  ँ
                                   ँ
                    े
           निक ं वंटीन्तेी क अ�ुसारा निशवं यहोा भाया�ंदे क रूप मं नि�वंास कराते था।   देशातेी हों निक यहोा क उपासक सभाी प्रमुख निहोंदेू देेवंतेाओंं की पूजा
                                                           े
                                           े
                                                              े
                                                                               ँ
                                                                    �
                                                                                 े
           कानिलेका पुराार्ण क अ�ुसारा, सृनिष्ट क आरांभा मं निशवं � इसी स्थाा� परा   कराते था। यहोा सूय, गुर्णेश, निशवं औरा देेवंी (निबंच्छेू क प्रतेीक क साथा)
                        े
                                                   े
                                     े
                                                                                                       े
                                                                          ँ
                                                                              �
                                                                                                               े
                                                                      े
                                                                    े
           भास्म निछेड़ेकी थाी औरा पावं�तेी (अप�ी अधानिगु�ी )को ज्ञा� प्रदेा� निकया   क अलेावंा निवंष्र्णु औरा उ�क देस अवंतेारां की भाी मूनितेया हों। मुख्य
                                          �
                                                                                                           �
                                                                                      े
                                                                  े
                                                                                                             ँ
           थाा। ऐसा कहोा जातेा होै निक जबं निशवं इस पवं�ते परा ध्या�मग्� था, तेबं   मंनिदेरा तेक पहोुँच� क निलेए खड़ेी सीनिढ़या हों। उमा�ंदे मंनिदेरा का नि�मार्ण
                                                          े
                                                                             े
                                                                               े
                                                                                                                  �
                                                                                              ँ
           कामदेेवं � उ�की योगु- साध�ा भांगु करा देी थाी औरा निशवं की �ोधानिग्�   असनिमया काराीगुरां � निकया थाा। भागुवंा� निशवं क अलेावंा, यहोा देस
                  े
                                                                                                                 ँ
                                                                                े
                                                                                                     े
           से भास्म होो गुए थाे, इसनिलेए इस पवं�ते का �ाम भास्मकलेा पड़ेा।  अन्य निहोंदेू देेवंतेा भाी हों निज�की मूनितेया मंनिदेरां मं निवंरााजमा� हों।
                                                                                            ँ
                                                                                          �
           इस पवं�ते को भास्मक ू टी भाी कहोा जातेा होै। कानिलेका पुराार्ण मं वंनिर्ण�ते होै   *****
                 ँ
           निक यहोा उवं�शीक ुं ड निस्थाते होै औरा यहोाँ देेवंी उवं�शी का नि�वंास होै जो
                           े
           कामाख्या की भाोगु क निलेए अमृते लेातेी हों, इसनिलेए इस द्वाीप का �ाम
           उवं�शी द्वाीप पड़ेा।
           मंनिदेरा क अनिधष्ठाात्रीी देेवंतेा उमा�ंदे (तेत्रीनिस्ते भागुवंा� शंभाू-रुमा-�ंदेकराः
                 े
                                                              28
   23   24   25   26   27   28   29   30   31   32   33