Page 26 - पूर्वांचल - गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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अच्छेे हिदेना और बारे हिदेना
                                           ू



                                                                                          े
                                                                 सकतेी होै, निजससे समाधा� खोज� या सकाराात्मक पहोलेुओंं को देेख�  े
                                                                  े
                                                                 क निलेए कनिठ� होो जातेा होै।
                                                                                                              ै
                                                                                                     े
                                                                 खरााबं योज�ा भाी असफीले एनिपसोड की ओंरा ले जातेी होै। तेयाराी की
                                                                 कमी, अपयाप्त जोनिखम मूल्यांक� या अवंास्तेनिवंक लेक्ष्य गुलेते होो�  े
                                                                          �
                                                                                          े
                                                                 वंालेी चीजं मं योगुदेा� करा सकते हों।
                                                                 बंाहोराी काराकं मं अच्छेी चीजं को बंूरा मं बंदेले� मं भाी बंड़ेा योगुदेा�
                                                                                                     े
                                                                                             े
                                                                 होै। प्राकृनितेक आपदेाओंं, देुघा�टी�ाओंं या पयावंरार्ण मं अचा�क परिरावंते�
                                                                                                                   �
                                                                                                 �
                                                श्रीी संुभााषा घोषा,   जसी अप्रत्यानिशते घाटी�ाएं योज�ाओंं को बंानिधते करा सकतेी हों औरा
                                                                  ै
                                           उर्पो महाप्रबंंधकु (र्पोरिरा.)  चीजं को गुलेते करा सकतेी हों।
           क्या आप कभाी ऐसी निस्थानिते मं आए हों जबं आपको लेगुतेा होै निक सबं
           क ु छे आपक साथा गुलेते होो राहोा होै? इस तेराहो की निस्थानिते तेबं निवंकनिसते
                   े
           होोतेी होै जबं क ु छे अप्रत्यानिशते अप� आप मं होोतेा होै या आप निकसी
                                      े
                                              े
                               े
           ऐसी चीज का साम�ा कराते हों निजस की आप� कल्प�ा �हों की थाी।
           इस तेराहो की चीज व्यनिक्तगुते नि�याएं, बंाहोराी घाटी�ाएं या यहोां तेक निक
           होमाराी अप�ी धारार्णाएं होो सकतेी हों, वंास्तेवं मं इस चीज को होो सकते  े
           हों। अप्रत्यानिशते परिरानिस्थानितेयां, गुलेनितेया, बंुराी निकस्मते औरा जीवं� की
                                        ँ
           प्रर्णालेी की जनिटीलेतेाएँ सी निस्थानिते मं एक भाूनिमका नि�भाातेी होै। कभाी
                                             े
           -कभाी यहो उ� चीजं की बंाते होै जो योज�ा क अ�ुसारा �हों चले राहोी
           हों, जबंनिक अन्य बंारा यहो अप्रत्यानिशते चु�ौनितेयं या असफीलेतेाओंं का
                    े
                          े
                      े
           साम�ा करा� क बंारा मं होै।
                                                  े
           व्यनिक्तगुते काराक जो चीजं को बंुरा मं बंदेले सकते हों, वंे गुलेनितेया,
                                                              ँ
                                     े
                                                                                                               े
                                                                                                       े
                                                                                 े
           फीोकस की कमी, ते�ावं औरा निचंतेा, �काराात्मक सोच औरा खरााबं   अन्य लेोगु भाी आपक साथा बंूराी तेराहो से होो सकते हों। लेोगुंक साथा
                                                                                               े
           योज�ा हों। व्यनिक्तगुते गुलेनितेया तेबं होोतेी हों जबं कोई नि�र्ण�य, नि�र्ण�य या   संघाषा�, लेोगुं द्वााराा निवंश्वासघााते या देूसरां क साथा �काराात्मक बंातेचीते
                                 ँ
                                                                                       ै
           कायं मं त्रीुनिटी करातेा होै जो �काराात्मक परिरार्णाम की ओंरा ले जातेा होै।   समस्याएं औरा असफीलेतेाएं पदेा करा सकतेी हों।
                                                       े
           फीोकस की कमी मं खरााबं समय प्रबंंध�, प्ररार्णा की कमी या आसा�ी   निसस्टीम औरा संराच�ा भाी चीजं को गुलेते करा सकतेी हों। निवंत्तीय या
                                           े
           से निवंचनिलेते होो� से प्रगुनिते मं बंाधा आ सकतेी होै औरा चीजं को कम   रााज�ीनितेक संराच�ाओंं जसे त्रीुनिटीपूर्ण� निसस्टीम चु�ौनितेयां औरा कनिठ�ाइया  ँ
                       े
                                                                                   ै
           करा सकतेा होै।                                        पदेा करा सकतेी हों। बंूराी निकस्मते कभाी-कभाी होमारा सवंोत्तम प्रयासं
                                                                                                       े
                                                                  ै
                                                                                         े
                                                                  े
                                                                              े
           ते�ावं औरा निचंतेा- उच्च ते�ावं स्तेरा नि�र्ण�य को निबंगुाड़े सकतेा होै औरा   क बंावंजूदे, होमारा नि�यंत्रीर्ण से परा बंाहोराी काराक चीजं को गुलेते करा
           अनिधक चीजं को गुलेते करा� क निलेए चु�ौनितेयं का साम�ा करा�ा   सकतेी हों।
                                    े
                                  े
           मुनिश्कले बं�ा सकतेा होै।                             धारार्णा औरा मा�निसकतेा भाी खरााबं आकारा मं मौजूदे चीजं को जन्म
                                                                                      े
                                             े
                                   े
           �काराात्मक  सोच  भाी  चीजं  क  गुलेते  होो�  का  कारार्ण  बं�तेी  होै।   देे सकतेी होै। जबं चीजं पहोले से होी गुलेते होो राहोी हों, तेो �काराात्मक
                                                                          ं
                                                                                                               े
           �काराात्मक परा राहो� से एक स्वंयं को पूराा करा� की भानिवंष्यवंार्णी होो   परा  ध्या�  कनिद्रते  करा�ा  औरा  निस्थानिते  की  निवंकृते  धारार्णा  क  निलेए
                                               े
                          े
                                                                 सकाराात्मक अग्रेर्णी को �जराअंदेाज करा�ा आसा� होो जातेा होै। कई
                                                              26
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