Page 35 - पूर्वांचल - गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
P. 35

ं
              स्वातीत्रीतीा का े  अग्रदे ू ती–प्रहितीरो�का असंम काी नााहियकााए                       �



                                                                                  �
                                                                          े
                                                                 वंहो गुहोपुरा क युवंा कायकतेाओंं क समूहो "मृत्यु वंानिहो�ी"  मं शानिमले
                                                                                          े
                                                                                      �
                                                                 होो गुई ं , निजसका उद्देेश्य निब्रानिटीश सत्ता को चु�ौतेी देे�ा थाा। मृत्यु वंानिहो�ी
                                                                                                          े
                                                                 की एक सनि�य आयोजक औरा सदेस्य, क�कलेतेा � 20 निसतेंबंरा,
                                                                 1942 को नि�होत्था ग्रेामीर्णं क एक जुलेूस का �तेृत्वं कराते होुए गुहोपुरा
                                                                                                    े
                                                                                                            े
                                                                                      े
                                                                              े
                                                                        े
                                                                 पुनिलेस स्टीश� की ओंरा प्रस्थाा� निकया, निजसका उद्देेश्य भाारातेीय ध्वंज
                                                                                              े
                                                                 फीहोराा�ा थाा। पुनिलेस की चेतेावंनि�यं क बंावंजूदे, जुलेूस जाराी राहोा।
                                                                                  ँ
                                                                 क�कलेतेा को झंडा ऊचा उठाए होुएनिब्रानिटीश पुनिलेस की गुोलेी लेगु
                                               श्रीीमती रूमी देासं,   गुई औरा उ�की तेत्काले मृत्यु होो गुई। भााराते छेोड़ेो आंदेोले� क देौराा�
                                                                                                              े
                                              उर्पो प्रबंंधकु (निवंत् त)  रााष्ट्रीीय ध्वंज थाामे उन्हों� मात्री 17 वंषा� की आयु मं अंनितेम सांस लेी थां।
                                                                                   े
                                                  े
                                                      े
           भाारातेीय स्वंतेंत्रीतेा संग्रेाम निवंनिभान्� निवंचाराधारााओंं क अ�क निवंद्रोहों
           का काले थाा। रााष्ट्रीवंादेी भाावं�ा अप� चराम परा थाी औरा देेश क को�- े
                                       े
                                                         े
                                               े
              े
           को� मं व्याप्त थाी। यहो वंहो समय थाा जबं रााष्ट्री � साहोस, दृढ़ संकल्प
           औरा बंनिलेदेा� की अ�निगु�ते कहोानि�या देेखी।
                                       ँ
           इस व्यापक निवंद्रोहो मं असम भाी पीछे �हों राहोा। असंख्य पुरुषा औरा
                                       े
           मनिहोलेाएँ  पूरा दृढ़ संकल्प क साथा इस आंदेोले� मं क ू दे पड़े। े
                    े
                               े
           देेश की आज़ीादेी की लेड़ेाई मं मनिहोलेाएँ पुरुषां से एक कदेम भाी पीछे  े
           �हों राहों। उन्हों� नि�डरातेा औरा पूरा म�ोयोगु से इसमं भाागु निलेया।
                                   े
                       े
                                                     े
                                    े
                                 े
                           े
           जहोा कइं मनिहोलेाओंं � रााष्ट्री-प्रम क निलेए शहोादेते को गुले लेगुा निलेया,
              ँ
                           े
           वंहों कई स्वंतेंत्रीतेा स�ा�ी लेाठीचाज� औरा पुनिलेस की गुोलेीबंाराी मं
           घाायले भाी होुए। देेश की आज़ीादेी की लेड़ेाई मं उन्हों अंग्रेेजं क जुल्म
                                                         े
           का साम�ा करा�ा पड़ेा, लेनिक� इससे उ�का होौसलेा कम �हों होुआ।
                              े
                                          े
                                                    े
           इ�मं से क ु छे बंहोादेुरा मनिहोलेाओंं, निजन्हों� स्वंतेंत्रीतेा क निलेए लेड़ेाई
           लेड़ेी औरा अंतेतेः इसक निलेए अप� प्रार्णं की आहोँनिते देे देी। ऐसे क ु छे
                                     े
                            े
           बंहोादेूराो का निवंवंरा�-परिराचय �ीचे प्रस्तेुते हों -
                                                                                                             े
                                                                                     े
           कु�कुलता बंरुआ, गहर्पोुरा                             भाारात छोड़ोो आंदेोल� कु देौराा� कु�कुलता बंरुआ कु संाहसं
                                                                             े
                                                                                 ं
                                                                 औरा बंनिलदेा� � उन्ह प्रनितराोध कुा प्रतीकु औरा असंम कु स्वंतंत्रीता
                                                                                                            े
           क�कलेतेा बंरुआ असम की एक युवंा भाारातेीय स्वंतेंत्रीतेा स�ा�ी थां,   संंग्रेाम म एकु संम्मानि�त शहीदे बं�ा निदेया।
                                                       े
                                                                        ं
                                        े
           जो 1942 मं भााराते छेोड़ेो आंदेोले� क देौराा� शहोीदे होो गुई ं । गुहोपुरा
                                                                                 े
                                                                        थ
           पुनिलेस स्टीश� परा भाारातेीय ध्वंज फीहोराा� का प्रयास कराते समय निब्रानिटीश   मुंगराी उफ मालती मम, लालमाटी, देरांग
                  े
                                                    े
                                        े
           पुनिलेस � उन्हों गुोलेी माराकरा होत्या करा देी थाी।   मालेतेी मेम, निजन्हों मुंगुराी ओंरांगु क �ाम से भाी जा�ा जातेा होै, असम
                 े
                                                                                          े
                                                                          े
                                                                  े
                                                                                          े
                                                      े
                                              े
           क�कलेतेा बंरुआ का जन्म 1924 मं असम क गुहोपुरा क बंरांगुाबंाराी   क देरांगु निज़ीले की एक स्वंतेंत्रीतेा स�ा�ी थां औरा उन्हों पहोलेी असनिमया
           मं होुआ थाा। वंहो छेोटीी उम्रा मं होी स्वंतेंत्रीतेा आंदेोले� मं शानिमले होो गुई ं    मनिहोलेा शहोीदे मा�ा जातेा होै। वंहो लेालेमाटीी चाय बंागुा� मं एक
                                                                                           े
           औरा 1942 मं भााराते छेोड़ेो आंदेोले� मं शानिमले होो गुई ं ।  चाय बंागुा� मज़ीदेूरा थां औरा उन्हों� अफीीम निवंराोधी औरा असहोयोगु
                                                                 आंदेोले�ं मं महोत्वंपूर्ण� भाूनिमका नि�भााई थाी।
                                                               35
   30   31   32   33   34   35   36   37   38   39   40