Page 30 - चिरई - कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
P. 30

स्वरूप देासं
                                                                                              प्रबंधक (आईटी)
                                                                                             हिंहा ं देी नंोडीले संहाायीक



              जेब मं कश्मीीर संे मिमलेा : जेन्नाता की यीात्रीा



                                            े
                                                                          ै
                                           े
               जीवंना मं परिरवंतीषना ही एकामात्री क्ट्स्थार ह। मर श्चिलए नाई जगाहंं काी योंात्रीा   शीांती फिदेखतीा ह।
                                        ै
                                                   ु
                          ै
               सुखदे बंदेलावं ह। योंह एकारसतीा कां तींड़ातीी ह और मझे नाए परिरदृश्य   मनाे ‘ट्यूूश्चिलप गााडना' काा भाी देौरा फिकायोंा, जं फिवंश्चिभान्ना रगांं मं
                                              ै
                                                                                                          ं
                                                                                ष
                                                                     ं
                                          े
               और लंगांं से परिरश्चिचती कारातीी ह। मं हमशीा से काश्मीीर जानाा चाहतीा    रगाीना ट्यूूश्चिलप का साथ श्चिखलनाे वंाला एका और शीानादेार बंगाीचा ह।
                                    ै
                                                                           े
                                                                                                            ै
                                                                ं
               था। इंसश्चिलए अप्रैल मं मनाे अपनाे मातीा-फिपतीा और देीदेी कां �रतीी पर   एश्चिशीयोंा मं सबंसे बंड़ाा ट्यूूश्चिलप गााडना काहा जानाे वंाला योंह, इंफिदेरा
                                ं
                                                                                                          ं
                                                                                        ष
               स्वगाष फिदेखानाे का श्चिलए ले जानाे काा �सला फिकायोंा। हमनाे कांलकाातीा   गाां�ी ममंरिरयोंल ट्यूूश्चिलप गााडना श्रीीनागार का देशीषनाीयों स्थालंं मं से एका
                                        ै
                         े
                                                                     े
                                                                                   ष
                                                                                            े
                                   ष
               से श्रीीनागार काा स�र गां �� एयोंरवंेज से फिकायोंा और फ्लाइंट शीाम   ह जं ज़बंरवंाना पवंषती काी तीलहटी मं क्ट्स्थाती ह। बंगाीचे मं काई प्रकाार
                                                                                              ै
                                                                 ै
                               ं
               6:30 बंजे श्रीीनागार पहुचा। लाल चौका श्रीीनागार मं पहली राती हमनाे   का अन्य �ल भाी ह जसे ड�ंडील्स, जलकाभाी, गालाबं, नााश्चिसषसस
                                                                                   ै
                                                                                                   ु
                                                                       ू
                                                                 े
                                                                                              ुं
                                                                                ै
                                                                             ं
                                                    ु
               makemytrip.com का जरिरए अपनाा हंटल रूम बंका फिकायोंा था।   और अन्य सजावंटी पौ�े।
                                 े
                                                ै
                                                        े
               श्रीीनागार काा लालचौका काॉरपंरट-फिबंजनाेस हबं ह। हंटल का कामर  े
                                    े
                                                                        े
                                                                               ू
                                                                          े
                                                                                     ै
                                                                    30 ह�योंर भाफिम मं �ला, श्रीीनागार काा योंह प्रमुख पयोंषटना
                                  ं
                                             ै
               काी  बंालकानाी  से  सामनाे  घोटाघोर  फिदेखतीा  ह।  फिदेनाभार  चहल-पहल
                                                                स्थाल वंसती ऋतीु का देौराना जीवंती हं जातीा ह जबं ट्यूूश्चिलप महंत्सावं
                                                                                     ं
                                                                      ं
                                                                                              ै
                                                                            े
                                                     े
               और जवंानांं काा पहरा रहतीा ह। शीाम 6:30 बंजे माकाट बंदे हंनाे
                                                        ं
                                    ै
                                                                                ै
                                                                आयोंंश्चिजती फिकायोंा जातीा ह। जनातीा का श्चिलए खंला गायोंा, योंह त्यंहार
                                                                                        े
                     ै
               लगातीा ह।
                                                                                े
                                                                काश्मीीर मं सभाी प्रकाार का योंाफित्रीयोंंं कां अवंश्य देखनाा चाफिहए क्यांंफिका
                                                                                                े
               दूूसंराा दिदना: श्रेीनागरा मं दशयनाीय स्थलं कुी यात्रीा: काश्मीीर अपनाे   इंसकाा उद्देश्य बंगाीचे काी प्राकाफितीका सुदेरतीा, समर्द् काश्मीीरी सस्कूफिती
                                                                                                           ृ
                                                                                         ं
                                                                                    ृ
                                                                                                ृ
                                                                       े
                                                                                                         ं
                           े
                                                            ै
               अनाफिगानाती बंागांं का काारणा �रतीी पर स्वगाष का रूप मं जानाा जातीा ह।   और  इंसका  हस्तश्चिशील्प  काी  झलका  फिदेखानाा  ह।  काश्मीीर  का  सभाी
                                            े
                                                                       े
                                                                                                         े
                                                                                                ै
                                                    ै
               काश्मीीर मं मनाे सबंसे पहले श्चिजस स्थााना पर जानाे काा �सला फिकायोंा,   खबंसूरती बंगाीचंं मं से ट्यूूश्चिलप गााडना मरा पसदेीदेा था।"
                        ं
                                                                                       ष
                                                                 ू
                                                                                          े
                                                                                              ं
               वंह श्रीीनागार मं परी महल था। बंगाीचंं काी मनामंहका सुदेरतीा नाे पल
                                                    ं
                                                                    "उस फिदेना मनाे डल झील मं अपनाे हाउसबंंट मं एका योंादेगाार
                                                                             ं
                            ु
                     े
               भार मं मरा फिदेल चरा श्चिलयोंा। बंगाीचे से डल झील काा नाज़ारा फिकातीनाा
                                                                श्चिशीकाारा काी सवंारी काा आनादे लकार अपनाे फिदेना काा अती शीानादेार ढांगा
                                                                                  ं
                                                                                     े
                                                                                                   ं
                                                                                                            ं
               फिदेव्य था।
                                                                से फिकायोंा।
                     े
                    मरा अगाला पड़ाावं था चश्मीा शीाही गााडना जं अपनाे तीाजे पानाी
                                              ष
                                                                                         े
                                                                तीसंराा दिदना: गुलमगय- फूलं कुा प्रदश : गाुलमगाष रंमांचका गांंडंला
                                                                                 ू
                                           ै
                    ृ
                े
               का प्राकाफितीका झरनाे का श्चिलए जानाा जातीा ह। योंह मगाल गााडना फिवंश्चिभान्ना
                                                      ष
                             े
                                                 ु
                                                                     े
                                                                                    ै
                                                                                        ु
                                                                सवंारी का श्चिलए जानाा जातीा ह। समद्रु तील से लगाभागा 2720 मीटर
               रगांं का �लंं से फिघोरा हुआ ह और झील काा श्चिचफिकात्साीयों पानाी इंतीनाा
                   े
                                   ै
                ं
                     ू
                                                                ऊचाई पर क्ट्स्थाती गाुलमगाष काश्मीीर का प्रश्चिसर्द् पयोंषटना स्थालंं मं से एका
                                                                                       े
                                                                 ं
           30                                                                                                                                                                                                                            31
                                             े
                                  "इनितहासा केंो देखाते हुए द्विकेंसाी केंो यह केंहने केंा अधि�केंारी नहं द्विकें हिंहंदेी केंा सााहिंहत्या
                                       जायसाी कें पहले केंा नहं धिमलता।" - (डेॉ.) केंाशाीप्रसाादे जायसावाल
                                              े
                                                                                                                                                                                                                                  ष
                                                                                                                                                                                                                                    े
           चि�रई, अंंक-4                                                                                                                                                                                                 हााउसिं�ंग एण्ड अंर्बन डेवलपमांट कॉपोरेशन सिंलसिंमाटडे े
        वर्षष : 2024-25, माा�ष, 2025                                                                                                                                                                                      क्षेेत्रीीय कााया�लय, काोलकााताा काी वाार्षि�िका हि�न्दीी पत्रित्रीकाा
   25   26   27   28   29   30   31   32   33   34   35