Page 26 - चिरई - कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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विवत्तीयी क्षेेत्री मं संत्यनिनंष्ठा की अहामिमयीता


                                       सत्यफिनाष्ठा काा सबं� उच्चा नाफितीका  प्रलंभाना  फिदेए जातीे हं। ब्लैैकामेल फिकायोंा जातीा है। इंना परिरक्ट्स्थाफितीयोंंं
                                                  ं
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                                       श्चिसर्द्ांतींं  से  ह।  सत्यफिनाष्ठा  काी  मं भाी जं हार ना मानाे और ईमानादेारी काे  श्चिलए प्रफितीबंर्द् रहे, वंही
                                       अवं�ारणाा  फिवंत्तीयों  ईमानादेारी  ईमानादेार हंतीा है। राजा हरिर�न्द् काी काहानाी मं भाी योंह बंतीायोंा
                                       तीका ही सीफिमती नाहीं बंक्ट्� योंह  गायोंा है फिका ईमानादेारी काी राह पर चलनाे काे  श्चिलए राजा हरिर�न्द् कां
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         राजेंद्रु कमार बहारा
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                                       एका  व्यापका  अवं�ारणाा  ह।  अपनाा राज-पाट तीका कां छंड़ानाा पड़ाा।
                      प्रबन्धक (विवत्त)
                                                                                    ु
                   क्षेेत्रीीयी कायीाबलेयी, कोलेकाताा   ईमानादेार  हंनाे  काा  मतीलबं  ह  ै  ईमानादेारी, एका ऐसा गाणा श्चिजसे रातींं राती हाश्चिसल नाहीं फिकायोंा
                                       अपनाे देाफियोंत्व कां सही प्रकाार   जा सकातीा और नाा ही योंे क्षश्चिणाका हंतीा ह। ऐसा नाहीं हं सकातीा
                                                                                             ै
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               से फिनाभाानाा, हमशीा सच काा साथ देनाा और मानावंतीा का काल्याणा का   फिका आप आज ईमानादेार रहगाे और काल नाहीं। योंह एका जीवंनाशीली
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               श्चिलए काायोंष कारनाा। फिहमालयों काी तीरह अफिडगा स्वभाावं वंाला व्यफि�   ह। जीवंना जीनाे काा तीरीकाा ह। फिकासी व्यफि� कां ईमानादेार बंनाानाे
                                                                                    ै
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               ही ईमानादेार हं सकातीा ह। फिकासी भाी परिरक्ट्स्थाफिती मं अपनाे ईमाना   मं उसका बंचपना सस्कूार बंेहदे मायोंनाे रखतीे ह। मातीा-फिपतीा और
                                                                     े
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               कां डगामगाानाे नाहीं देनाा।  योंह वंही व्यफि� कार सकातीा ह श्चिजसनाे   बंड़ा-बंजगां से फिमली अच्छी बंातीं, सीखं और सही आदेतीं सही बंीज
                                                        ै
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               अपनाे जीवंना ईमानादेारी कां बंेहदे गाहरा उतीारा हं। हालांफिका काहनाा   डालतीी ह। स्कूली जीवंना, साफिहत्य और
                                                                      ं
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               श्चिजतीनाा आसाना ह कारनाा उतीनाा ही मक्ट्�काल। फिबं�ल तीलवंार
                                                                    समाज  से  फिमली  सही  श्चिशीक्षा  से  योंे  पौ�ा  बंड़ाा  हंतीा  ह  ै
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               काी �ार पर चलनाे जसा ह। सत्य पर काायोंम रहनाे का श्चिलए काड़ा  े
                                                                और सबंकां छायोंा और �ल प्रदेाना कारतीा ह। इंना ससस्कूारंं कां
                                                                                                      ं
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               इंक्ट्�तीहाना से गाुजरनाा हंतीा ह। गारंं काी बंाती छंफिड़ाए, अपनाे तीका
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                                                                अपनाानाा और जीवंना मं उतीरनाा बंेहदे जरूरी ह। योंह एका ऐसा
                                                                                                 ै
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               साथ छंड़ा देतीे ह।  सत्य से फिडगाानाे का तीरह-तीरह का देबंावं और
                                                                              े
                                                                अभ्यास ह जं हमार भाीतीर सही कां सही और गालती कां गालती
                                                                       ै
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                                 "हिंहंदेी केंो राजभााषाा केंरने कें बादे पर प�द्रीह वषाव तकें अ�ग्राजी केंा प्रयोग केंरना पीछो केंदेम
                                                                                         े
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                                                  हटुाना ह।"- राजनिषाि पुरुषाोत्तमदेासा टुडेन
                                                                                                                                                                                                                                    े
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           चि�रई, अंंक-4                                                                                                                                                                                                 हााउसिं�ंग एण्ड अंर्बन डेवलपमांट कॉपोरेशन सिंलसिंमाटडे े
        वर्षष : 2024-25, माा�ष, 2025                                                                                                                                                                                      क्षेेत्रीीय कााया�लय, काोलकााताा काी वाार्षि�िका हि�न्दीी पत्रित्रीकाा
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