Page 24 - चिरई - कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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भगवानं जेगन्नाार्थ



                                                                                           े
                                                                एकताा और भक्किक्त क शाश्वता प्रताीक


                                                                               ै
                                                                       े
                                                                से फिमट्टाी का बंतीषनांं मं तीयोंार फिकायोंा जातीा ह। इंसे पफिवंत्री मानातीे हुए, भा�
                                                                                            ै
                                                                      े
                                                                इंसकाा सवंना कार आश्चित्मका तीफिप्ता प्राप्ता कारतीे ह।
                                                                                               ं
                                                                                    ृ
                                                                राथ यात्रीा: एकुता कुा प�य
                                                                रथ योंात्रीा भागावंाना जगान्नााथ से जड़ाा सबंसे प्रश्चिसर्द् उत्सावं ह। हर साल
                                                                                                        ै
                                                                                      ु
                                                                                      ं
                                                                                                      े
                                                                लाखंं भा� परी मं इंकाट्ठाा हंतीे ह और फिवंशीाल लकाड़ाी का रथंं पर सवंार
                                                                         ु
                                                                                                   ं
                                                                देवंीयों भााई-बंहना कां सड़ाकांं पर चलतीे हुए देखतीे ह। योंह भाव्य जलूस
                                                                                                             ु
                                                                                               े
                                                                 ै
            भागावंाना  जगान्नााथ,  ओंफिडशीा  का  आराध्य  देवंतीा  और  भाारतीीयों   भागावंाना का अपनाे भा�ंं से फिमलनाे का प्रतीीका का रूप मं मनाायोंा जातीा ह,
                                    े
                                              े
                                                                                        े
                                                                                               े
                                                                       े
                                                                                                               ै
            आध्याश्चित्मकातीा का सबंसे पूजनाीयों स्वरूपंं मं से                जं सामाश्चिजका वंगां काी सीमाओंं कां तींड़ातीा ह।
                        े
                                                                                                               ै
                     ु
                 ं
            एका  ह।  परी  काी  पफिवंत्री  नागारी  मं  फिवंराजमाना,
                                                                                            े
                                                                                   रथ  योंात्रीा  कावंल  �ाफिमषका  आयोंंजना  नाहीं
            भागावंाना जगान्नााथ भागावंाना फिवंष्णु का एका रूप ह,
                                    े
                                             ं
                                                                               ह; योंह एका सांस्कूफितीका उत्सावं ह, जं फिवंश्चिभान्ना
                                                                                            ृ
                                                                                                       ै
                                                                                ै
                                     ु
                                          े
            जं अपनाे भााई बंलभाद्रु और बंहना सभाद्रुा का साथ
                                                                                  ू
                                                                                        े
                                                                                                            ै
                                                                               पृष्ठभाफिमयोंंं का लंगांं कां एकाजुट कारतीा ह और
            जगान्नााथ मफिदेर मं फिनावंास कारतीे ह। योंह मफिदेर
                                           ं
                                     ं
                    ं
                                                                               भागावंाना  जगान्नााथ  का  समावंेशीी  उपदेशींं  कां
                                                                                              े
                                                                                                           े
                                            े
                                    ै
            चार �ाम तीीथषस्थालंं मं से एका ह और पर देशी
                                          ू
                                          े
                                                                               देशीाषतीा ह।
                                                                                     ै
            मं श्रीर्द्ा काा काद्रु ह।
                         ै
                      ं
                                                                               भग�ाना जगन्नााथ कुा दशयना
            अनाोखी मवित ि
                    ू
                                                                                                 े
                                                                               भागावंाना जगान्नााथ जीवंना का चक्र और अस्थााफियोंत्व
                                                        ु
                     े
            अन्य फिहंदेू देवंतीाओंं से अलगा, भागावंाना जगान्नााथ   द्रुुपदे कमार पुष्टिष्टा
                                                                                                          ं
                                                                               का शीाश्वती सत्य काा प्रफितीफिनाश्चि�त्व कारतीे ह। उनाकाी
                                                                                े
                 ू
            काी  मफिती  अनाठी  ह।  उनाकाी  बंड़ाी,  गांल  आखं   संहाायीक कायीबकारी विवत्त   पजा मं वंैष्णवं, शीवं, शी� और योंहां तीका फिका
                      ू
                          ै
                                            �
                  ष
                                                                                            ै
                                                                                ू
                                                                कोलेकाताा
            उनाकाी  अनाती  जागारूकातीा  काा  प्रतीीका  ह,  और
                    ं
                                         ं
                                                                                         ं
                                                                                               े
                                                                               आफिदेवंासी  परपराओंं  का  तीत्व  शीाफिमल  ह,  जं
                                                                                                            ं
                                                         ै
            उनाकाा अ�रा, समरूप स्वरूप उस देवंीयों रहस्य कां देशीाषतीा ह श्चिजसे
                    ू
                                       ै
                                                                इंसे �ाफिमषका प्रथाओंं काा सगाम बंनाातीे ह। उनाका उपदेशी भा�ंं कां
                                                                                                       े
                                                                                                  े
                                                                                   ं
                                                                                             ं
                                                          ष
            मानावं समझ नाहीं सकातीा। नाीम काी लकाड़ाी से बंनाी उनाकाी मफिती हर
                                                        ू
                                                                                                               ं
                                                                                      े
                                                                फिवंनाम्रतीा, कारुणाा और फिवंश्वास का साथ जीवंना जीनाे काी प्रेरणाा देतीे ह।
                                                                                                            े
                                         े
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                                             े
                                                            ै
            12 से 19 वंर्षं मं पफिवंत्री अनाष्ठाना नावंकालवंर का तीहती बंदेली जातीी ह।
                                                                भग�ाना जगन्नााथ कुा प्रभा�
                                                         े
                 उनाकाा योंह फिवंश्चिशीष्टा रूप जाफिती, �मष और सामाश्चिजका भादेभाावं
                                                                    े
                                                                                                ू
                                                                 ु
                                                                                                          ै
                                                                परी का अलावंा, भागावंाना जगान्नााथ काा प्रभाावं परी देुफिनायोंा मं �ला हुआ
                   ै
                                                            ै
                                               े
                 े
                        ै
            से पर ह और देवंीयोंतीा काी सावंषभाौफिमकातीा कां रखांफिकाती कारतीा ह।
                                                                                                          ं
                                                                 ै
                                                                                                  ं
                                                                              े
                                                                                      े
                                                                ह। भाारती और फिवंदेशींं मं उनाका नााम पर काई मफिदेर बंनाे ह। उनाकाी
                               ू
                                         े
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                                                          ै
            भागावंाना जगान्नााथ कां स्नेेहपवंषका "ससार का स्वामी" काहा जातीा ह, जं
                                                                                                               ै
                                                                सावंषभाौफिमका अपील नाे काला, साफिहत्य और भाफि� कां प्रेरिरती फिकायोंा ह,
                                 ं
            हर फिकासी काा स्वागाती कारतीे ह।
                                                                श्चिजससे वंे लाखंं लंगांं का फिप्रयों देवंतीा बंनाे हुए ह।
                                                                                       े
                                                                                                 ं
                                                                                 े
            जगन्नााथ मंदिदरा: आध्याात्मि�कु कुद्र
                                     ं
                                                                                                    ं
                                                                निनाष्कर्ष : भागावंाना जगान्नााथ कावंल एका देवंतीा नाहीं ह, बंक्ट्� एका ऐसी
                                                                     य
                                                                                            े
                                                                                    े
                               ं
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                                            े
            12वंीं शीतीाब्दीी मं राजा अनातीवंमषना चंड़ागागा देवं द्वाारा फिनाफिमषती, जगान्नााथ
                                                                                                               ं
                                                                                                             े
                                                                          ं
                                                                देवंीयों शीफि� ह जं �मष, समयों और स्थााना काी सीमाओंं से पर ह।
                                                                 ै
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                                              ै
            मफिदेर काश्चिलंगा वंास्तकाला काा एका अद्भुुती नामूनाा ह। इंसकाा ऊचा श्चिशीखर
                                                     �
                                                                                                          ृ
                                                                उनाकाा मफिदेर और उनाकाी पजा भाारतीीयों आध्याश्चित्मकातीा, सस्कूफिती और
                                                                                   ू
                                                                                                        ं
                                                                      ं
                                             ृ
                                                   ृ
            और बंारीका ना�ाशीीदेार देीवंार ओंफिडशीा काी समर्द् सांस्कूफितीका फिवंरासती
                                 ं
                                                                            ै
                                                                एकातीा काा सार ह। भा�ंं का श्चिलए, वंे शीाश्वती साथी ह, जं प्रेम और
                                                                                                      ं
                                                                                   े
                             े
            काा प्रतीीका ह। मफिदेर का गाभाषगाृह मं भागावंाना जगान्नााथ, बंलभाद्रु और
                         ं
                      ं
                                                                 ृ
                                                                                                        ं
                                                                     े
                                                                कापा का साथ जीवंना काी काफिठनााइंयोंंं मं मागाषदेशीषना कारतीे ह।
                                      ं
                 ु
                          ष
            देवंी सभाद्रुा काी मफितीयोंा फिवंराजमाना ह, श्चिजनाकाी प्रफितीफिदेना फिवंस्तती फिवंश्चि�-
                         ू
             े
                            �
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                                                                                        ै
                                                                                                             े
                                                                      ै
                                                                    जसा फिका एका भा� काहतीा ह, "भागावंाना जगान्नााथ काा रथ कावंल
            फिवं�ाना से पजा हंतीी ह।
                             ै
                     ू
                                                                                                �
                                                                            ै
                                                                                 ु
                                                                एका वंाहना नाहीं ह; योंह मफि� काा मागाष ह, जहा भागावंाना स्वयों मानावंतीा
                                                                                            ै
                                                                                                         ं
                 मफिदेर काी एका अनांखी परपरा ह महाप्रसादे, जं पारपरिरका फिवंश्चि�
                  ं
                                   ं
                                       ै
                                                     ं
                                                                कां गाले लगाानाे आतीे ह।"
                                                                                ं
           24 24                                                                                                                                                                                                                         25
                                                           े
                                                                                           ै
                                  "बच्चां केंो निवदेशाी शिलनिप केंी शिशाक्षेा देना उनकेंो राष्ट् कें साच्चाे प्रेम साे व�चिचात केंरना ह।"
                                                                       े
                                            े
                                                       - भावानीदेयाल सा�न्याासाी
           चि�रई, अंंक-4
           चि�रई, अंंक-4                                                                                                                                                                                                 हााउसिं�ंग एण्ड अंर्बन डेवलपमांट कॉपोरेशन सिंलसिंमाटडे े
                                                                                                                                                                                                                                  ष
                                                                                                                                                                                                                                    े
                  �ष
        वर्षष : 2024-25, माा
        वर्षष : 2024-25, माा�ष, 2025                                                                                                                                                                                      क्षेेत्रीीय कााया�लय, काोलकााताा काी वाार्षि�िका हि�न्दीी पत्रित्रीकाा
                   , 2025
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