Page 47 - लक्ष्य - चंडीगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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laHya
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                             भारत 2047: एक  वक सत रा  का मेरा सपना



               मेरी  यारी मातृभू म भारत,
               जब हम 2047 क  ऐ तहा सक अवसर क  करीब प  च रह  ह , जब तुम अपनी  वतं ता क  सौ वष  पूर  करोगी, मेरा  दय

               तु हारी या ा पर गव  और तु हार  भ व य क   लए आशा से भर जाता ह । म  ऐसे भारत का  व न देखता    जो अपनी
                ाचीन स यता क  बुि  को आधु नक,  ग तशील रा  क  ग तशीलता क  साथ जोड़ता ह ।

               समृ  और समावेशी अथ  यव था
               मेरा    कोण ह , भारत माता,  क तुम ऐसी बनो जहाँ समृि  हर नाग रक तक प  चे। म  देखता   :
               सतत  वकास, जो नवाचार, शोध और मज़बूत  व नमा ण  े  से संचा लत हो,  जससे सबको स मानजनक रोजगार

                मले।
                   •  पुनज  वत क  ष, जो तकनीक और पया वरण-अनुक ल तरीक  से सश  हो,  कसान  को उ चत मू य
                        दलाए और रा  क  खा  सुर ा सु न  त कर ।
                   •   ड जटल सश  करण, जहाँ हर नाग रक और हर गाँव को स ती, तेज़ इ टरनेट सु वधा उपल ध हो,

                        जससे उ  मता और जुड़ाव को बढ़ावा  मले।
                   •  अ य धक गरीबी का अंत, जहाँ हर भारतीय आ थ क सुर ा और ग रमा से भरा जीवन जी सक ।

               हर नाग रक क   लए  श ा और  वा  य
               स ा  वकास  ान और  वा  य क  मज़बूत न व पर खड़ा होता ह । म  envision करता   :
                   •   व - तरीय  श ा, जो सृजनशीलता, आलोचना मक  चंतन और सम या-समाधान को बढ़ावा दे, युवा

                       को क वल रोज़गार ही नह  ब  क जीवन क   लए तैयार कर ।  यावसा यक   श ण और कौशल  वकास उ ह
                       बदलते समय क  चुनौ तय  का सामना करने म  स म बनाएगा।
                   •  साव भौ मक  वा  य सेवा, जो स ती, सुलभ और उ  गुणव ा क  हो, ता क कोई भी आ थ क क ठनाई क

                       कारण इलाज से वं चत न हो।  नवारक देखभाल और सम  क याण रा ीय  ाथ मकताएँ ह ।
                   •  शोध और खोज क  सं क  त, जो भारत को नवीकरणीय ऊजा ,  च क सा, अंत र  अ वेषण और आधु नक
                       तकनीक म  वै  क नेतृ व  दलाए।

                यायपूण  और सामंज यपूण  समाज
               आ थ क  ग त से पर , स ी महानता मानव ग रमा और सामा जक सामंज य म  होती ह । म  ऐसे भारत का सपना देखता

                  जहाँ:
                   •  ल  गक समानतावा त वकता हो, और म हलाएँ हर  े  म  समान  प से नेतृ व कर  और योगदान द ।
                   •   व वधता म  एकताफले-फ ले, सभी समुदाय शां त से रह  और हमार   भ ता  को हमारी सबसे बड़ी श   क
                        प म  मनाएँ।

                   •   याय तेज़ और  न प  हो, ऐसी  याय  णाली क  साथ जो सभी को समान अ धकार दे और क़ानून का स मान
                       हर हाल म  सु न  त कर ।





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