Page 48 - लक्ष्य - चंडीगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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laHya
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                   •  पया वरणीय   थरताजीवन का तरीका बने,  व छ न दयाँ, शु  वायु और संरि त  ाक  तक संसाधन आने

                       वाली पीिढ़य  क   लए सुरि त रह ।

               मू य  से  े रत वै  क नेतृ व
               अंत म , म  तु ह  देखता   , भारत माता, ऐसे रा  क   प म   जसक   शंसा क वल आ थ क श   क   लए नह  ब  क
               नै तक नेतृ व क   लए भी हो। म  envision करता   :
                   •  शां त और सहयोग क  अ दूत, जो जलवायु प रवत न, गरीबी और संघष  जैसी वै  क चुनौ तय  क  समाधान

                       म  योगदान दे।
                   •  सां क  तक आलोक तंभ, जो अपनी समृ   वरासत, आ या  मकता और मानवीय मू य  को दु नया से साझा
                       कर ।
                   •  लोकतं  का आदश ,  जसक  सराहना उसक  धैय , नवाचार और  वतं ता तथा  याय क    त अट ट   तब ता

                       क   लए हो।

               यह    ,  यारी मातृभू म, क वल एक  व न नह  ह —यह एक िज़ मेदारी ह । यह हम सबक   न ा, साहस और
               ईमानदारी क  माँग करता ह । एकजुट  यास और अट ट  व ास क  साथ हम इस सपने को वा त वकता म  बदल सकते
               ह  और तु ह  2047 तक एक स े  वक सत रा  क   प म  देख सकते ह ।

                यार, आशा और समप ण स हत,

               तु हारा क त  पु /संतान


                                                                                                      गौरव शमा
                                                                                                    बंधक ( शा)
































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